Operation Shield : भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर पाकिस्तानी सीमा के निकट चार राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ हरियाणा तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में फिर से शनिवार को मॉक ड्रिल होगी। इस दौरान ऑपरेशन शील्ड के इस ड्रिल में होने वाले हवाई हमलों से बचने का अभ्यास किया जाएगा। इसके बाद देर शाम को ब्लैकआउट भी किया जाएगा।
अधिकारियों ने तैयारियों की समीक्षा की
बता दें कि यह ऑपरेशन शील्ड के दौरान बृहस्पतिवार को होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के बाद पहली बार मॉक ड्रिल कराई जा रही है। छह राज्यों में होनी वाली मॉक ड्रिल की तैयारियां हो चुकी हैं। इस मामले को लेकर अधिकारियों ने बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और संबंधित आधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
दुश्मनों के हमले से बचने के उपाय
जानकारी देते हुए अग्निशमन सेवा और होमगार्ड महानिदेशालय ने बताया कि मॉक ड्रिल में दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों का सामना करने के तरीके बताए जाएंगे। ऐसे में सायरन बजाया जाएगा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का भी परीक्षण किया जाएगा। नागरिक सुरक्षा को देखते हुए अधिकारियों ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से आग्रह किया कि वे सभी स्थानीय प्रशासन को शामिल करते हुए शनिवार को शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल की योजना बनाएं और इसका आयोजन करें।
हवाई हमले से निपटने का अभ्यास
ऑपरेशन शील्ड के तहत नागरिक सुरक्षा के संबंध में एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट एवं गाइड जैसे स्वयंसेवकों की सेवाएं लेने, वायुसेना व नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन स्थापित करने, हवाई हमले के सायरन को सक्रिय करने, ब्लैकआउट सुनिश्चित करने, जनता व संपत्ति की सुरक्षा जैसी विभिन्न कार्रवाई की जाएगी।
मॉक ड्रिल में बताया जाएगा
- आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का भी परीक्षण किया जाएगा
- पूरी तरह से ब्लैकआउट सुनिश्चित करने की तैयारी
- महत्वपूर्ण ठिकानों, इमारतों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- लोगों को खतरे वाली जगहों से सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी
- गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार एक जिले में एक ही जगह पर मॉक ड्रिल होगी
- दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचने के तरीके बताए जाएंगे
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे
- विमानों व मिसाइलों के हमले पर वायुसेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन स्थापित करने की तैयारी
- एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट एवं गाइड जैसे स्वयंसेवकों की सेवाएं लेने
- स्थानीय प्रशासन की तैयारियों और तत्परता परखना
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