Opration Sindoor: पाकिस्तान में भारतीय सशस्त्र बलों के सटीक हमले में सरजल में चल रहा जैश-ए-मोहम्मद का संचार नेटवर्क भी ध्वस्त हो गया है। जैश का नेटवर्क खत्म होने पर सुरक्षा लिहाज से एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ था। इस हमले से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। यह संचार नेटवर्क एकदम गोपनीय तरीके से तेहरा कलां गांव के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चलाया जा रहा था। यह कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के बीच संपर्क की एक प्रमुख कड़ी के तौर पर काम करता था।
दहशतगर्दों के साथ मिलकर हमलों की साजिश करते आतंकी आका
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जैश के ठिकाने से उच्च आवृत्ति वाली संचार व्यवस्था संचालित की जा रही थी, जिसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकी आका दहशतगर्दों के साथ मिलकर हमले की तैयारी करने वाले और उनकी गतिविधियों की जानकारी रखने के लिए करते थे। बिना किसी बाधा के संचार संपर्क स्थापित करने के लिए यहां लंबे एंटीना का इस्तेमाल किया जाता था। सूत्रों के अनुसार, यह संचार ढांचा ध्वस्त होने से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के लिए सीमा पार बैठे अपने आकाओं के साथ संपर्क करना आसान नहीं होगा।
आईएसआई से मिलते थे संचार उपकरण
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी की तरफ से आतंकियों को लोरा अल्ट्रा सेट और डिजिटल मोबाइल रेडियो सहित सैन्य स्तर के संचार उपकरण मुहैया कराए जाते रहे हैं। यही वजह है कि इनके जरिये होने वाला संचार संपर्क पारंपरिक दूरसंचार नेटवर्क की पकड़ से बाहर रहता था।
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