नई दिल्ली। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में लोक लेखा समिति के दो दिवसीय शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लोकतंत्र में संसद लोगों की इच्छाओं का प्रतीक होती है और संसदीय समितियां इसके विस्तार के रूप में काम करते हुए इसे कार्यकुशल बनाती हैं। इसमें विशेष रूप से लोक लेखा समिति, विधायिका के प्रति कार्यपालिका की प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संसद ही कार्यपालिका को धनराशि जुटाने और खर्च करने की अनुमति देती है, इसलिए यह आकलन करना भी इसका कर्तव्य है कि निर्धारित उद्देश्यों के अनुसार धन जुटाया और खर्च किया गया या नहीं। उन्होंने लोक लेखा समिति के रिकॉर्ड को सराहनीय और उल्लेखनीय बताते हुए उम्मीद जताई कि इस समिति का यह शताब्दी समारोह कार्यपालिका को अधिक जवाबदेह बनाने और इस प्रकार जनकल्याण में सुधार करने के तरीकों पर चर्चा के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करेगा। दो दिवसीय शताब्दी समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू, संसद की लोक लेखा समिति के सभापति अधीर रंजन चौधरी के अलावा कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी, राज्यों की लोक लेखा समितियों के अध्यक्ष और अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी शामिल हुए।