गुलाब का पेड़ है गृहस्थ जीवन: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, गृहस्थ जीवन में तो कोई-न-कोई तनाव बना ही रहता है. गृहस्थ जीवन ऊंट की पीठ के समान है और भगवान का भजन इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक की सड़क है. आंख मूंद कर दौड़ते जाओ, न फिसलोगे न गिरोगे, एकदम समतल मार्ग है.

गृहस्थी में हमेशा उतार-चढ़ाव हैं गुलाब का पेड़ है गृहस्थ-जीवन. गुलाब के पेड़ में पुष्प कभी-कभी लगते हैं, ऊपर-ही-ऊपर लगते हैं और थोड़े से लगते हैं लेकिन कांटे ऊपर से नीचे तक सारे पौधे में रहते हैं और बारह महीने रहते हैं जबकि सुगंधित-पुष्प कभी-कभी लगते हैं. भगवान की भक्ति से जीवन को मंगलमय बनायें.

सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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