जम्मू कश्मीर। एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित किए बिना विकास संभव नहीं है। कुछ लोगों को घाटी में शांति पसंद नहीं है। वे पुराने दौर की वापसी की कोशिशें कर रहे हैं। कुछ लोग सुरक्षा बलों और प्रशासन को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कोई गलती हो और अशांति को भड़काया जा सके।
शुक्रवार को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में जिला निर्यात योजना के शुभारंभ पर कहा कि यदि शांति होगी, तभी विकास हो पाएगा। यह बात दिमाग में रखी जानी चाहिए। दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां ऐसे समय में प्रगति हुई है, जब वहां शांति नहीं थी।
कुछ लोग घाटी में समस्या पैदा करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे यहां पर्यटन बढ़ने, उद्योग स्थापित होने, आर्थिक परिदृश्य के स्थिर होने और लोगों के जीवन में बदलाव आने से खुश नहीं हैं। यहां बदलते हालात से अधिकांश लोग बहुत खुश हैं।
कुछ तत्व यहां शांति और खुशहाली के बहाल होते माहौल से हताश हो चुके हैं। वह यहां पर्यटन और कारोबार को फ लता-फू लता नहीं देख सकते। यही तत्व यहां हालात बिगाड़ने का षड्यंत्र करते रहते हैं। कुछ लोग हमें और सुरक्षा बलों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि सुरक्षा बल कोई गलती करें और लोग प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आएं, लेकिन हम ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देंगे।
शांति स्थापित करना केवल सरकार की नहीं बल्कि आम नागरिकों की जिम्मेदारी:-
एलजी ने कहा कि शांति स्थापित करना केवल सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह जिम्मेदारी आम नागरिकों की भी है। इसलिए समाज को आगे आना होगा। सुरक्षा बल आमजन की सुरक्षा तथा शांति स्थापित करने के लिए चौबीसों घंटे मेहनत कर रहे हैं। प्रशासन ऐसी नीति पर काम कर रहा है कि निर्दोष लोगों को छुआ नहीं जाएगा, लेकिन दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
जी-20 सम्मेलन से निर्यात की अपार संभावनाएं:-
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब समग्र और समावेशी विकास के मार्ग पर तेजी से अग्रसर है। आने वाले समय में विकास और निवेश के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर इस देश में अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श प्रदेश होगा। इसके साथ ही कश्मीर में जी-20 सम्मेलन भी होने जा रहा है जिससे यहां निवेश को और ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विकास के लिए, लोगों और उनके बच्चों के भविष्य के लिए सरकार कदम उठा रही है। जम्मू-कश्मीर में खासकर हस्तशिल्प, बागवानी उत्पाद, पश्मीना और कालीन के निर्यात में अपार संभावनाएं हैं। सरकार आगामी पांच साल में निर्यात को तिगुना करने की दिशा में काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी हस्तक्षेप और सहयोग से आज जम्मू कश्मीर जिला निर्यात योजना पर काम कर रहा है। आने वाले पांच वर्ष के भीतर जम्मू कश्मीर निर्यात के क्षेत्र पर एक बड़ी ताकत के रूप में सामने आएगा। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मौजूद थीं।