लखनऊ। कानपुर और प्रयागराज सहित उन सभी स्थानों पर माहौल बिगाड़ने तथा साजिश रचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के साथ ही उनके आलीशान मकानों को बुल्डोजर से ध्वस्त करने का अभियान भी शुरू हो गया है। राज्य के नौ जिलों में 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के विरुद्ध सख्त तेवर अपना लिया है और माहौल बिगाड़ने वालों की पूरी कुण्डली खंगालने का निर्देश दिया है। उनका यह भी कहना है कि समाज विरोधी तत्वों के साथ कार्रवाई ऐसी की जाय जो नजीर बने और कोई माहौल बिगाड़ने की बात भी न सोच सके।
लेकिन इसके साथ यह भी जरूरी है कि किसी निर्दोष के साथ ऐसी कार्रवाई कदापि नहीं हो और कोई भी समाज विरोधी तत्व बचने भी नहीं पाये। पुलिस और प्रशासनिक तंत्र को पूरी तरह सतर्क और सक्रिय रहने की जरूरत है जिससे कि शांति और सौहार्द का माहौल बन सके जिसकी आज आवश्यकता भी है।
राज्य में कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद और अम्बेडकर नगर सहित अन्य स्थानों पर सुनियोजित ढंग से माहौल बिगाड़ने का जो दुस्साहस किया गया था वह कानून- व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है। इस पर सरकार को सख्त कदम उठाने के अतिरिक्त कोई विकल्प शेष नहीं था।
राज्य सरकार ने जो सख्ती की है, वह पूरी तरह से उचित है। किसी को भी कानून- व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, चाहे वह किसी भी धर्म या वर्ग का व्यक्ति हो। राज्य सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी छूट दे दी है कि वह ऐसे समाजविरोधी तत्वों के साथ हर संभव कदम उठाये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्देश उन राज्य सरकारों के लिए भी प्रेरक और अनुकरणीय है जहां हाल ही में उपद्रव हुए और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गयी। यह सत्य है कि हाल में हुआ उपद्रव पूरी तरह से सुनियोजित था और इसमें पाकिस्तान सहित कुछ अन्य विदेशी शक्तियों का भी हाथ होने की आशंका है। इसलिए दंगाइयों पर सख्ती जरूरी हो गया है। इससे शांति प्रिय जनता का भरोसा बढ़ेगा और समाज विरोधी तत्वों को कड़ा सन्देश भी जाएगा।