पैरेंटिंग। बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी पैरेंट्स की होती है। ऐसे में उन्हें ईमानदार बनाना, दूसरों के मेहनत की कद्र करना, गलत आदतों से बचना आदि बचपन से ही सिखाना बहुत जरूरी होता है। यदि बच्चे कम उम्र से ही पैसों की कद्र करना सीख जाएं तो उनका जीवन संवर सकता है। वे सोच-समझकर धन खर्च करना कम उम्र से ही सीख जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आप बच्चों को किस तरह पैसों की कद्र करना सिखा सकते हैं।
पॉकेट मनी :-
यदि आप बच्चों को हर महीने पॉकेट मनी दें तो वे अपनी और अपने फाइनेंशियल आवश्यकताओं की जिम्मेदारी को निभाना सीख सकते हैं। इससे उन्हें पैसों को सम्हालकर रखना आ जाता है और वे सोच समझकर खर्च करना सीख जाते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि उन्हें आवश्यकता से अधिक पैसे ना दें। इसके अलावा पॉकेट मनी से अलग पैसे देने से भी बचें।
गुल्लक :-
हर नए वर्ष पर आप बच्चों को एक गुल्लक अवश्य दें। ऐसा करने से वे अपना एक्स्ट्रा मनी सेव करना सीखेंगे और अपने पॉकेट मनी से बचत करना उन्हें कम उम्र से ही आ जाएगा। इस तरह वे बेकार की चीजों को खरीदने की बजाय, उन पैसों को गुल्लक में सेव करना सीखेंगे। इस तरह वे वर्ष के अंत में अपने लिए कुछ आवश्यक चीज खरीदने के लिए पैसे खुद अरेंज कर पाएंगे। यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा।
बिना मेहनत के शौक पूरा करना :-
जब बच्चों को बिना किसी मेहनत के ही सारी चीजें हाथ में मिल जाती हैं तो वे पैसों की कद्र करना नहीं सीख पाते हैं। यही नहीं, बड़े होकर भी वे आपसे ये ही उम्मीद करते हैं कि उनके शौक को पूरा करने की जिम्मेदार माता-पिता की ही है। ऐसा ना होने पर वे आपसे नाराज हो सकते हैं। इसलिए बचपन से ही उन्हें शॉर्टकट्स ढूंढने ना दें और बिना मेहनत के शौक पूरा ना करें।
पैसे कमाने का महत्व :-
बच्चों को यदि आप बचपन से पैसे कमाने के महत्व के बारे में बताएंगे तो वो सेविंग्स करना सीखेंगे। कमाने की आदत डालें तो वे मेहनत करना सीख जाते हैं। यही नहीं, ऐसा करने से उन्हें मेहनत और पैसे, दोनों की कद्र करना आ जाता है. इसके लिए आप उन्हें छोटे-मोटे काम देकर इनाम के तौर पर पॉकेट मनी दे सकते हैं। मसलन, रोज सफाई करने पर उन्हें कुछ रुपये दें या कोई जरूरत का सामान भी दे सकते हैं। यदि उन्हें इसकी समझ होगी तो वे इसे सही तरीके से इस्तेमाल, खर्च करना सीखेंगे।