उत्तराखंड। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और दक्षिणी-पूर्वी हवाओं के गठजोड़ के चलते मौसम के बदले मिजाज ने पहाड़ से लेकर मैदान तक ना सिर्फ मूसलाधार बारिश हुई और भारी तबाही हुई, वरन मूसलाधार बारिश ने 100 साल से अधिक पुराने कई रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार कुमाऊं क्षेत्र के मुक्तेश्वर में 107 साल पहले 18 सितंबर 1914 को हुई 254.5 मिलीमीटर बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। पिछले 24 घंटे में मुक्तेश्वर में 340.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। चंपावत में जहां 580 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई वहीं नैनीताल में 530, ज्योलीकोट में 490 मिमी, भीमताल में 400 मिमी, हल्द्वानी में 300 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक चंपावत के पंचेश्वर में 510, देवीधुरा में 370, लोहाघाट में 330, चलथी में 290, बस्तिया में 250, बनबसा में 130 और टनकपुर में 120 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावाऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर में 480, काशीपुर में 180, खटीमा में 210, गूलरभोज में 470 मिमी बारिश हुई। अल्मोड़ा के तालुका में 290, अल्मोड़ा शहर में 220, द्वाराहाट में 190, रानीखेत में 170, चौखुटिया में 160, सोमेश्वर में 140 मिलीमीटर बारिश हुई। बागेश्वर के सामा में 310, नीती में 290, लोहारखेत में 200 और बागेश्वर में 160 मिलीमीटर तो वही पिथौरागढ़ में गंगोली में 330, मिलीमीटर थल में 240, मिलीमीटर बेरीनाग में 230, डीडीहाट में 160, मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में 140, थलीसैंण में 140, लैंसडौन में 100, मिलीमीटर, श्रीनगर में 130, धूमाकोट में 110 मिमी बारिश हुई है। चमोली के जोशीमठ में 190, कर्णप्रयाग 130, और गैरसैंण में 120 मिलीमीटर बारिश हुई। रुद्रप्रयाग में 110, गंगानगर में 100 मिलीमीटर तो टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में 120 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।