Turkey President: तुर्किये के लंबे समय से नेतृत्व कर रहे रेसेप तैयप एर्दोगन ने राष्ट्रपति के तौर पर अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शनिवार को शपथ ली। बता दें कि वह देश के तीन बार प्रधानमंत्री भी रह चुके है। एर्दोगन जल्द ही नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे, जिससे यह संकेत मिलेगा कि देश में गैर रूढ़िवादी आर्थिक नीतियां जारी रहेंगी, या तुर्किये कहीं अधिक पारंपरिक नीतियों की ओर लौटेगा।
बता दें कि एर्दोगन पिछले हफ्ते हुए राष्ट्रपति चुनाव में पांच वर्षों के नए कार्यकाल के लिए निर्वाचित हुए। इसके साथ ही, नाटो के सदस्य देश में उनके 20 वर्षों के शासन को और पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो गया था। एर्दोगन, प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में रहने के बाद, 2003 से देश के राष्ट्रपति हैं। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन में अमेरिका के बाद सर्वाधिक संख्या में सैनिक रखने वाला देश तुर्किये है, जिसकी आबादी 8.5 करोड़ है। तुर्किये में लाखों की संख्या में शरणार्थी शरण लिए हुए हैं।
एर्दोगन पर आर्थिक संकट के प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी। तुर्किये इस समय महंगाई और मुद्रा में गिरावट से जूझ रहा है। उन्होंने शनिवार को नई सरकार के मंत्री का भी खुलासा किया। उन्होंने प्रसिद्ध पूर्व बैंकर और अर्थव्यवस्था के पिछले प्रमुख मेहमत सिमसेक को वित्त और राजकोष का मंत्री बनाया।
संसद में एक समारोह में एर्दोगन ने कहा कि मैं राष्ट्रपति के रूप में देश के अस्तित्व और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए महान तुर्किये राष्ट्र और इतिहास के समक्ष अपने सम्मान और अखंडता की शपथ लेता हूं। हम सभी 85 मिलियन लोगों को उनके राजनीतिक विचारों, मूल या संप्रदाय की परवाह किए बिना गले लगाएंगे।
शनिवार को उद्घाटन के बाद देश की राजधानी स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में कई विदेशी नेताओं ने शिरकत की। फरवरी में 50,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले भयानक भूकंप के बाद आर्थिक संकट और आलोचना के बावजूद तुर्किये की जनता ने अर्दोगन सत्ता पर बैठाया। उन्होंने 28 मई को एक मजबूत विपक्षी गठबंधन के खिलाफ रन-ऑफ चुनाव जीता। अर्दोगन को 52.2 प्रतिशत वोट मिले, जबकि केमल किलिकडारोग्लू को 47.8 प्रतिशत वोट मिले।
जापान में ‘मावार’ तूफान से अत्याधिक लोग प्रभावित
जापान में उष्णकटिबंधीय तूफान ‘मावार’ ने लोगों के जीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। भारी बारिश से देश के बड़े हिस्से में बाढ़ ला दी है। सैकड़ों लोग ट्रेनों में फंसे हुए हैं और पूर्व-पश्चिम के 7,000 घरों में बिजली गुल है। 10 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।