UP Budget: 2023-24 के लिए 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश

लखनऊ। बुधवार को यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि देश की GDP में प्रदेश का योगदान 8 प्रतिशत से अधिक का हैं। मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि वर्ष 2021 2022 में प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो देश की विकास दर से अधिक रही। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए GSDP में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की गई है। वैश्विक मंदी के दौर में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर उत्साहजनक है। वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश की बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, आज यह घटकर लगभग 4.2 प्रतिशत हो गई है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 25,000 से अधिक निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि इस समिट में लगभग 33.50 लाख करोड़ रुपए के 19000 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1,96,000 करोड़ रुपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किए गए कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95,125 करोड़ रु. से 86,728 करोड़ रु.अधिक है।

03 महिला पीएसी बटालियन का गठन :-

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में अब तक 51,639.68 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गई। प्रदेश में कानून एवं शान्ति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनश्चित करने हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।

उन्‍होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन देने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 3600 करोड़ रु. की व्यवस्था प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रु.की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड के लिए 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरुआती तीन वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रुपए तथा युवा अधिवक्ताओं के लिये कॉपर्स फंड हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा कि प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को प्रशिक्षण देने की योजना के तहत कौशल विकास मिशन के माध्यम से 6 वर्षों में 12 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा 4 लाख 88 हजार युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायुक्त कराया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मार्च 2017 से अद्यतन 17.62 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्‍होंने आगे कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाए जाने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उक्त अवधि में महिलाओं के खिलाफ घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 फीसदी, दुष्कर्म में 21.75 फीसदी और अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आई है।

प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक जनपद एक मेडिकल कालेज की योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किए जा चुके हैं, 14 जनपदों में मेडिकल कालेज निर्माणाधीन है। 14 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और संचालन हेतु 2491 करोड़ 39 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु ₹2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
यूपी में 21 एयरपोर्ट होंगे क्रियाशील :-

उत्तर प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर तथा अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।

जेवर एयरपोर्ट में रनवेज की संख्या 02 से बढ़ाकर 05 किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। हमारी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 04 एयरपोर्ट्स के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 06 एयरपोर्ट्स (अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावरती, चित्रकूट तथा सोनभद्र) का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो रहा है। आगे आने वाले वर्षों में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट, इस प्रकार कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।

योगी सरकार ने वित्तवर्ष 2023-24 के लिए 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। उन्होंने अपने बजट भाषण में ढांचागत विकास सहित अलग-अलग योजनाओं के लिए किए गए आवंटन का जिक्र किया।

बिजली आपूर्ति को लेकर किए गए एलान :-
– वित्तमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और गांवों को 18 से 20 घण्टे बिजली दिये जाने का रोस्टर निर्धारित है।
– 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14:38 घण्टे तहसील क्षेत्र में 16:58 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 21:08 घण्टे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17:26 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20:52 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 23:26 घण्टे आपूर्ति की गई।
– वर्ष 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं।
– प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।
– कृषि कार्यों हेतु समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 के०वी० कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2227 नग फीडरों का पृथकीकरण पूर्ण कर लिया गया है।
– प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं यथा घाटमपुर, ओबरा ‘सी’ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी हेतु लगभग 7076.37 करोड़ रूपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पीपीपी पद्धति से कराया जा रहा है। इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूर्ण कर ली गयी है तथा शेष निर्माणाधीन हैं।
– वर्ष 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन तथा वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन रही।
– 2×660 मेगावाट जवाहरपुर तापीय परियोजना 2×660 मेगावाट ओबरा सी तापीय विस्तार परियोजना एवं 1X660 मेगावाट पनकी तापीय परियोजना का आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूर्ण होना एवं उत्पादन कार्य प्रारम्भ होना लक्षित हैं।
-पारेषण तंत्र की क्षमता जो कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी, को वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावॉट तक किया गया, जिसे वित्तीय वर्ष 2022 2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावॉट तक किया जाना लक्षित है।

 

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