स्वास्थ्य। बच्चों में ऊर्जा और उत्साह काफी होता है। खेल-कुद के बाद भी वे जल्दी थकान महसूस नहीं करते। बच्चों में पूरा दिन खेलने कूदने की क्षमता होती है। ऐसे में आपका बच्चा अगर खेलने कूदने में रूचि न लेकर चुपचाप बैठा रहता है और अगर खेलने जाता भी है, तो जल्दी थकान महसूस करने लगता है और उदास रहता है, तो हो सकता है कि बच्चा शारीरिक तौर पर स्वस्थ न हो।
इस तरह का बर्ताव बच्चे कमजोरी के कारण भी करते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी होने के कारण बच्चों को न केवल खेलने, बल्कि चलने में भी दिक्कत हो सकती है। बच्चा सुस्त रहने लगता है। कई बार तो बच्चों में वीकनेस इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वह निजी काम कर पाने में भी सक्षम नहीं हो पाते।
आपका बच्चा शारीरिक तौर पर कमजोर है या नहीं इसका पता लगाने के लिए बच्चों में वीकनेस के कुछ लक्षण जान लें। तो चलिए जानते है…
चेहरा सूखना- बच्चे में वीकनेस है इस बात की पहचान सबसे पहले बच्चे का चेहरा सूखने, आंखों के नीचे काले घेरे आने से की जा सकती है। बच्चों के चेहरे पर रैशेज भी आ सकते हैं। उन्हें निगलने, बोलने और चूसने में भी दिक्कत होने लगती है।
बुखार आना- अगर आपके बच्चे को जल्दी जल्दी बुखार आता है, तो उसकी इम्यूनिटी कमजोर होने के साथ ही वह शारीरिक तौर पर भी कमजोर हो सकता है।
सिरदर्द और थकान रहना- अगर आपका बच्चा बार-बार सिरदर्द होने की बात कहे, तो इसे अंदरूनी तौर पर अस्वस्थ होने के संकेत माने जाते हैं। कई बार खेलने के दौरान बच्चे की हृदय गति बढ़ जाती है और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
पैरों में दर्द और चलने में दिक्कत- पोषण की कमी के कारण कई बार बच्चों के पैरों में भी कमजोरी आ जाती है। बच्चे दौड़ने कूदने की उम्र में अच्छे से चल फिर भी नहीं पाते और अक्सर पैरों में दर्द होने की शिकायत करते हैं। यह कैल्शियम की कमी का संकेत भी हो सकता है।
बांह और हाथों में दर्द- कई बार बच्चें हाथों व बांहों में दर्द होने की भी शिकायत करते हैं। वह लिखते समय, खुद से खाना खाते वक्त, बैग कैरी करते समय परेशान हो जाते हैं।
कमजोरी से बचने के उपाय- बच्चों में कमजोरी के लक्षण दिखें, तो सबसे पहले उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं, बच्चों को पौष्टिक आहार दें, जिस में आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो। बच्चा अगर किसी तरह की शारीरिक समस्या के बारे में बताए, तो उसे बहाना समझकर नजरअंदाज न करें।