Health tips: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खानपान और कम एक्सरसाइज के कारण फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. फैटी लिवर एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें लिवर के चारों ओर फैट जमा हो जाता है. अगर आपकी तोंद बाहर निकलने लगी है, थकान जल्दी होती है या पाचन कमजोर है, तो ये फैटी लिवर के संकेत हो सकते हैं.
फैटी लिवर को लाइफस्टाइल बदलने और डाइट में परिवर्तन करके कम किया जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि एक जादुई ड्रिंक से सिर्फ 14 दिनों में फैटी लिवर की समस्या खत्म की जा सकती है. जानिए क्या है ये ड्रिंक जो लिवर में जमा हो रहे फैट को निचोड़कर निकाल देती है.
फैटी लिवर ठीक करने के लिए क्या पीएं
पहला स्टेप- फैटी लिवर को ठीक करने के लिए आपको जो ड्रिंक तैयार करना है उसके लिए 1 गिलास पानी को किसी पैन में डालकर उबालना है. अब इस उबलते हुए पानी में 1 चम्मच कद्दूकस की गई अदरक डालें. आधा चम्मच इसमें हल्दी पाउडर मिलाएं. आधा चम्मच इसमें आपको डालना है दालचीनी का पाउडर. अब सारी चीजों को अच्छी तरह उबाल लें.
दूसरा स्टेप- अब इस पानी को गिलास में छान लें और हल्का ठंडा होने पर इसमें 1 चम्मच नींबू का रस मिलाएं. इसमें 1 टी स्पून एप्पल साइडर विनेगर डालकर मिक्स कर लें. इस ड्रिंक को अगर आपने 14 दिन सुबह खाली पेट पी लिया तो आपके लिवर के चारों ओर जमा फैट पिघल जाएगा और आपको फैटी लिवर से मुक्ति मिल जाएगी.
कैसे पहुंचाता है फायदा?
- आयुर्वेदिक डॉक्टर बताते हैं, अदरक पाचन को बेहतर करता है और सूजन को कम करता है.
- हल्दी में मौजूद करक्यूमिन लिवर को डिटॉक्स करता है और नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है.
- दालचीनी ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है और मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है, जिससे भी लिवर पर जमा फैट कम होने लगता है.
- नींबू का रस शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालता है.
- वहीं, सेब का सिरका भी लिवर की चर्बी को कम करने में सहायक माना जाता है.
फैटी लिवर के समाधान
- कारण का नियंत्रण या निवारण
- फैटी लिवर का इलाज फैटी लिवर के कारण को नियंत्रित करने या निवारण करने पर केंद्रित होता है.
- ऐसी कोई भी दवा जो फैटी लिवर का कारण बन सकती है उसे लेना बंद कर देना चाहिए
- वज़न कम करें
- डायबिटीज को नियंत्रित करने या ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के कोई उपाय करें
- अल्कोहल का सेवन बंद कर देना
फैटी लिवर क्यों है खतरनाक
लिवर में फैट आने पर इंसुलिन सेल के अंदर जाने में दिक्कत होती है. ऐसे में शरीर को ज्यादा इंसुलिन के लिए और मेहनत करनी पड़ती है. जिससे पैनक्रियाज पर जोर पड़ता है. जिससे लंबे समय में पैनक्रियाज पर जोर पड़ेगा. पैनक्रियाज स्लो होने पर इंसुलिन नहीं बनेगा तो डायबिटीज हो जाएगी. लिवर फैट से भर जाएगा तो आपके खून में कोलेस्ट्रॉल हाई होने लगेगा. खून में फैट आएगा तो ये आर्टरीज में जमा हो सकता है. जिससे आर्टरीज सख्त होंगी और ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है. ये फैट हार्ट में जमा हो गया तो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. दिमाग में जमा हो गया तो ब्रेन स्ट्रोक का कारण हो सकता है. गॉलब्लैडर में फैट पहुंचा तो स्टोन का कारण बन सकता है. किडनी में गया तो वहां भी फंक्शन पर असर डालेगा. इसलिए फैटी लिवर को बीमारियों की शुरुआत समझिए.
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