Health tips: गुर्दे (किडनी) हमारे शरीर के सबसे ज़रूरी अंगों में से एक हैं . किडनी (गुर्दे) रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर, पसलियों के नीचे स्थित, सेम के आकार के दो अंग हैं. इनका मुख्य काम रक्त को छानकर अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी को हटाना है, जिसे मूत्र कहते हैं. ये शरीर के पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं, तथा लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और हड्डियों को मजबूत रखने में भी भूमिका निभाती हैं.
जब ये ठीक से काम नहीं करते, तो हमारा शरीर कई तरह के संकेत देता है, जिन्हें समझना बहुत ज़रूरी है. अक्सर हम मानते हैं कि गुर्दे की समस्या का मतलब सिर्फ पीठ के निचले हिस्से में दर्द है, लेकिन ऐसा नहीं है. दर्द शरीर के कई हिस्सों में महसूस हो सकता है, जिन्हें अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण
- पेशाब में बदलाव: पेशाब में कई बदलाव आते हैं जैसे कि – पेशाब में वृद्धि या कमी, पेशाब में झाग, पेशाब के रंग में बदलाव या पेशाब में खून आना.
- सूजन: किडनी जब सही से कार्य नहीं कर पाता है, तो शरीर में हानिकारक पदार्थों का जमाव बढ़ जाता है, जिसके कारण पैरों, और चेहरे पर सूजन हो जाता है.
- थकान और कमजोरी: जब शरीर में हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते हैं, तो इसके कारण थकान और कमजोरी आ जाती है.
- भूख न लगना और वजन कम होना: शरीर में हानिकारक पदार्थों के जमा होने से पाचन क्रिया को अच्छा खासा नुकसान हो सकता है.
- हाई ब्लड प्रेशर: किडनी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जब किडनी की कार्यक्षमता को नुकसान होता है, तो ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और किडनी डैमेज होने की शुरुआत हो जाती है.
यह लक्षण किडनी फेल्योर के अलग-अलग चरणों में अलग-अलग हो सकते हैं. चलिए उन लक्षणों को जानते हैं जो एक किडनी के खराब होने पर उत्पन्न हो सकते हैं.
एक किडनी खराब होने के लक्षण
- पीठ के निचले भाग या बगल में हल्का दर्द होना.
- पेशाब के रंग में हल्का बदलाव होना.
- हाई ब्लड प्रेशर
- थकान या चक्कर आना.
दोनों किडनी खराब होने के लक्षण
- शरीर में अधिक सूजन का होना
- अत्यधिक थकान और भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना.
- लगातार मतली या उल्टी आना.
- फेफड़ों में तरल पदार्थ का जमा हो जाना, जिसके कारण सांस फूल जाए.
- पीठ के निचले भाग में तेज दर्द होना.
- उच्च रक्तचाप जिसे मैनेज करना मुश्किल हो जाए.
- बिना कारण वजन कम होना.
किडनी खराब होने पर शरीर के इन अंगों में होता है दर्द
- पीठ का निचला हिस्सा: किडनी खराब होने पर पीठ में दर्द महसूस हो सकता है. ये पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द के रूप में महसूस हो सकता है.
- पेट में दर्द : किडनी के संक्रमण या पथरी से होने वाले दबाव के कारण पेट में दर्द हो सकता है.
- कमर में दर्द: किडनी से निकलने वाला दर्द कभी-कभी कमर तक भी पहुँच सकता है. यह अक्सर किडनी की पथरी के कारण होता है, जब पथरी मूत्रवाहिनी से होकर गुजरती है, तो यह तेज दर्द पैदा कर सकती है जो इन हिस्सों तक फैलता है.
- पैरों और टखनों में दर्द: किडनी की बीमारी में पैरों, टखनों और पंजों में भी दर्द हो सकता है. किडनी जब ठीक से काम नहीं करते तो शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे पैरों में सूजन आती है और दर्द महसूस होता है.
- पसलियों में दर्द: पसलियों में दर्द का एक बड़ा कारण किडनी खराब होना हो सकता है. क्योंकि किडनी हमारे पीठ के एक ऐसे हिस्से में होती है जहां से पसलियों तक ये दर्द महसूस होता है. असल में जैसे-जैसे स्थिति खराब हो रही होती है ये स्थिति और बढ़ जाती है.
किडनी को स्वस्थ रखने के घरेलू उपाय
- हाइड्रेटेड रहें: किडनी में मौजूद हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए आपको खूब सारा पानी पीना चाहिए.
- संतुलित आहार लें: बेरीज, हरे पत्तेदार साग और होल ग्रेन्स जैसे किडनी के लिए लाभकारी खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें.
- नमक और चीनी का सेवन सीमित करें: अत्यधिक सोडियम और चीनी किडनी के कार्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- शुगर और ब्लड प्रेशर को मैनेज करें: यह दोनों ही हमारे किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए प्रयास करें कि आप इन स्थितियों को अपने आहार और जीवनशैली के माध्यम से मैनेज करने का प्रयास करें.
- दर्द निवारक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से बचें: कुछ प्रकार के दर्द निवारक दवाएं किडनी को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- नियमित रूप से व्यायाम करें: स्वस्थ वजन बनाए रखें और रक्त संचार को निरंतर रखने के लिए आप व्यायाम को अपना सकते हैं.
- शराब का सेवन सीमित करें और धूम्रपान छोड़ें: यह आदतें किडनी रोग के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं.
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