Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 30 प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई. कई विभागों से जुड़े अहम फैसले लिए गए. जिनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला बिहार के युवाओं से जुड़ा है. दरअसल, बिहार सरकार ने अगले पांच सालों में राज्य में एक करोड़ नौकरी और रोजगार सृजन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को स्वीकृति दे दी है. नीतीश कैबिनेट का यह फैसला राज्य में बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को अवसर प्रदान करने की दिशा में बेहद ही खास माना जा रहा है.
कैबिनेट बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले
बैठक में लिए गए फैसलों में सबसे अहम ये है कि सरकार अगले पांच सालों में एक करोड़ रोजगार और नौकरियों का सृजन करेगी. सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह रोजगार सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी क्षेत्र और स्वरोजगार के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे. कौशल विकास, स्टार्टअप्स, MSMEs और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स इस लक्ष्य में अहम भूमिका निभाएंगे. आज हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने श्रम संसाधन विभाग के इस प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है. श्रम संसाधन विभाग और उद्योग विभाग को इस योजना की निगरानी का दायित्व सौंपा गया है.
फोरलेन पुल और गंगा पथ परियोजना से जुड़ा फैसला
पथ निर्माण विभाग की कई योजनाओं से जुड़े फैसले भी बैठक में लिए गए. बख्तियारपुर से ताजपुर को जोड़ने वाली गंगा नदी पर निर्माणाधीन 4 लेन पुल और फोरलेन पहुंच पथ परियोजना को पूरा करने के लिए अलग-अलग मदों की राशि से जुड़ी प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. साथ ही मुंगेर और भागलपुर में गंगा पथ परियोजना के लिए खर्च होने वाली राशि पर HAM मॉडल लागू करने की मंजूरी दी गयी.
पटना मेट्रो से जुड़ा फैसला
पटना मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत प्रायोरिटी कॉरिडोर के 2 साल 8 महीने की अवधि के रख-रखाव काम के लिए सेवा कर रहित कुल अनुमानित खर्च 179.37 करोड़ नामांकन के आधार पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को देने और प्रायोरिटी कॉरिडोर के कार्यान्यवयन के लिए 3 कार सिंगल ट्रेनसेट को किराये पर लेने के लिए 21.154 करोड़ रुपए का अनुमोदन देते हुए इसके देखरेख की जिम्मेदारी नामांकन के आधार पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दिये जाने की मंजूरी दी गयी.
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