Bihar: बिहार विधानसभा सत्र से पहले राज्य सरकार ने शिक्षकों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया है. जो जिला स्थानांतरण से जुड़ा है. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट के जरिए सुबह-सुबह पोस्ट कर लिखा, “शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण के बारे में विभिन्न स्रोतों से सुझाव प्राप्त हो रहे हैं. इसकी समीक्षा के क्रम में मैंने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी जिन शिक्षकों की भी समस्या है उनसे 3 जिलों का विकल्प प्राप्त किया जाएगा, जिसके बाद उन्हीं जिलों में उनका पदस्थापन किया जाएगा.”
जिला और अंतर-जिला पर ट्रांसफर की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी शिकायतों को जिला स्तर और अंतर-जिला ट्रांसफर के स्तर पर बांटा है. जिले के भीतर शिकायतों की समीक्षा जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्थापना समिति करेगी और नये सिरे से ट्रांसफर या पोस्टिंग के आदेश जारी किए जाएंगे.
इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा भी जिला स्थापना समिति ही करेगी. प्राथमिक शिक्षा के निदेशक प्राप्त शिकायतों की अनुशंसाओं के आधार पर अंतर-जिला ट्रांसफर का आदेश जारी करेंगे.
तीन जिलों के विकल्प का रास्ता साफ
बिहार में बीते कुछ महीनों में तीन चरण में शिक्षकों की बहाली हुई है. अब कई ऐसे शिक्षक हैं जो ट्रांसफर भी चाहते हैं. ऐसे में इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से आवेदन भी लिया जाने लगा. इन सबके बीच समस्या भी आती रही. हालांकि कई शिक्षकों का आपसी स्थानांतरण भी हुआ है. अब नीतीश कुमार के ट्वीट से शिक्षकों के पास तीन जिलों के विकल्प का रास्ता साफ हो गया है. मतलब हुआ कि शिक्षक आवेदन में तीन जिलों का विकल्प चुन सकते हैं. इन्हीं जिलों में उनका ट्रांसफर होगा.
ई-शिक्षाकोष पर एंट्री
विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी ट्रांसफर, पोस्टिंग या प्रतिनियुक्ति से संबंधित एंट्री ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज की जाएगी. पत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के दौरान चुनाव से संबंधित काम में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए.
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