BPSC: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के खिलाफ छात्रों का रोष लागातार बढता ही जा रहा है. दरअसल, छात्र 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आयोग इसे मानने को तैयार ही नहीं है. वहीं, रविवार को राजधानी पटना में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर वाटर कैनन और हल्के बल का भी प्रयोग किया गया, जिससे छात्रों में और ज्यादा गुस्सा भर गया है.
इसी बीच सोमवार को छात्रों ने बिहार बंद और चक्का जाम का ऐलान किया गया है. ऐसे में राजनीतिक दल भी छात्रों के साथ इस चक्का जाम को समर्थन देने लगे हैं. विधायक संदीप सौरभ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में पत्र लिखकर पुनर्परीक्षा की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पूरी परीक्षा रद्द करके फिर से आयोजित की जानी चाहिए क्योंकि पूरी परीक्षा ही अनियमितता और गड़बड़ी की शिकार है.
माले ने दिया छात्रों को समर्थन
वहीं, 30 दिसंबर को छात्र–युवाओं द्वारा आयोजित चक्का जाम को भाकपा–माले राज्य सचिव कुणाल ने समर्थन देने का ऐलान किया है. माले ने कहा कि बीपीएसी अभ्यर्थियों के चल रहे आन्दोलन के प्रति सरकार का दमनात्मक और अड़ियल रवैया निंदनीय है. हमारी मांग है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करे और पीटी परीक्षा अविलंब रद्द करे. भाकपा – माले 30 दिसंबर को आयोजित होने वाले चक्का जाम का समर्थन करेगी.
क्या-क्या बंद रहेगा?
छात्रों या राजनीतिक दलों की ओर से बिहार बंद के ऐलान के दौरान इस बात की कोई जानकारी नहीं दी की क्या खुला रहेगा और क्या नहीं, ऐसे में बिहार में रेल समेत अन्य सार्वजनक परिवहन सेवाओं पर असर देखने को मिल सकता है, इसके अलावा प्रदर्शनकारी बड़े स्तर पर बस, रेलवे जैसे ट्रांसपोर्ट सुविधाओं को बाधित कर सकते हैं. वहीं, अस्पताल और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. जबकि बैंक दफ्तर और सरकारी कार्यालय बंद रखने संबंधी अभी तक कोई आदेश सरकार की तरफ से नहीं आया है.
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