नितिन गडकरी ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार पर जताई गंभीर चिंता, अमिताभ बच्चन के लिए कही खास बात

Nagpur: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजनीति, प्रशासनिक व्यवस्था और व्यक्तिगत जीवन में विनम्रता की अहमियत को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सत्ता, संपत्ति, ज्ञान और सौंदर्य जैसी चीजें अक्सर व्यक्ति में अहंकार पैदा कर देती हैं. जब यह अहंकार बढ़ता है, तो व्यक्ति सोचता है कि वह सबसे समझदार है और वही सोच दूसरों पर थोपने लगता है, लेकिन इस रवैये से कोई बड़ा नहीं बनता.

अमिताभ बच्चन की विनम्रता

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी बात कही, उन्होंने उदाहरण दिया कि विनम्रता कैसी होनी चाहिए? उन्होंने  फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन का उदाहरण दिया और बताया कि एक कार्यक्रम में वो अमिताभ बच्चन के साथ बैठे थे, तभी एक छोटा लड़का और लड़की मंच पर आए. अमिताभ बच्चन ने उठकर हाथ जोड़कर दोनों को मंच पर बुलाया. गडकरी ने कहा कि मैं वहां बैठा रहा लेकिन कुछ देर बाद मैं संकोचवश खड़ा हुआ. जब बच्चे चले गए तो मेरे ध्यान में आया कि इन छोटे छोटे बच्चों के लिए भी इतना बड़ा अभिनेता कितना विनम्र है.

मैंने जो सोचा वो मैंने किया

नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, सत्ता, संपत्ति, ज्ञान और सौंदर्य से व्यक्ति को अहंकार होता है और जब अहंकार आ जाता है तो उस व्यक्ति को लगता है कि वो बहुत शयाना है, और वो अपने इस स्वभाव के साथ अपना अहंकार दूसरों पर थोपता है. लेकिन इससे कोई बड़ा नहीं बनता. गडकरी ने कहा कि वो तीसरी बार सांसद चुनकर आए हैं. इस चुनाव में उन्होंने सोचा था कि वो कोई पोस्टर, बैनर नही लगायेंगे, ना किसी को खाना खिलायेंगे, जात-पात की राजनीती नहीं करेंगे. जिसको उन्हें वोट देना है वोट दें, अन्यथा ना दें. वो अपने उसूलों के साथ चलेंगे. जनता का फैसला अहम होता है.

शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर गडकरी ने कहा कि, प्रॉब्लेम तो है. यहां टीचर को अपने अप्रूवलल के लिए माल-पानी देना पडता है. अपॉइंटमेंट के लिए भी पैसे मांगे जाते हैं. शिक्षा विभाग के अधिकरी क्या- क्या करते हैं, ये उन्हें सब मालूम है, तो फिर अपने इस काम के लिए जेल भी तो जाते हैं ऐसे अधिकारी.

“गधे को घोड़ा कैसे बनाओगे, यही है असली परीक्षा”

कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कार्यक्षमता और दृष्टिकोण पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “लोग पूछते हैं कि इतनी समस्याओं के बावजूद सड़कें कैसे बनती हैं? मैं उन्हें बताता हूं कि कुछ लोग समस्याओं को अवसर में बदल देते हैं, जबकि कुछ लोग अवसर को समस्या में बदल देते हैं. जब तुम्हें नौकरी मिली है, तो यह तुम्हारी परीक्षा है. सोचो कि गधे को घोड़ा कैसे बना सकते हो, यह मत सोचो कि वह गधा ही है और नहीं सुधर सकता— क्योंकि उसी को सुधारने के लिए तो तुम्हें बुलाया गया है.”

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