गोरखपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। वाराणसी से प्रकाशित हृषिकेश पंचांग के अनुसार, इस दिन अष्टमी तिथि का मान रात्रि 12 बजकर 14 तक है। सुबह छह बजकर 41 मिनट तक कृतिका नक्षत्र, पश्चात संपूर्ण दिन और रात्रि रोहिणी नक्षत्र व्याप्त है। इसी तरह से सुबह आठ बजकर 49 के बाद हर्षण योग और सुस्थिर नामक महा औदायिक योग भी है। ऐसे में इसी दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत का आयोजन होगा, क्योंकि अद्धरात्रि के समय अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है। पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि श्रीमद्भागवत, भविष्यादि सभी पुराणों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष के चंद्रमा कालीन स्थिति में अर्द्धरात्रि के समय हुआ था। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के समय छह तत्वों, भाद्रपद का महिना, कृष्ण पक्ष, अर्धरात्रि काल अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष का चंद्रमा और बुधवार या सोमवार का दिन बड़ी कठिनाई से प्राप्त होती है।।