गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 सिंतबर को गोरखपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं। इसके लिए लोक निर्माण विभाग से बाढ़ प्रभावित इलाकों का एरियल रूट मांगा जा रहा है। उधर, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 2-2 और यूनिट की डिमांड की गई है। जिला प्रशासन की तरफ से 20 मोटर बोट अयोध्या से मंगाई जा रही है। एक बोट पर 25 से 30 लोग बैठ सकेंगे। वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न के 30 हजार पैकेट और मंगाए गए। अब तक 22 हजार पैकेट वितरित हो चूके हैं। गौरतलब है कि गोरखपुर जिले से होकर बहने वाली राप्ती और रोहिन नदी का जलस्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। यहां बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। ऐसे में गुरुवार सुबह करीब 4 बजे जिले के हरैया स्थित भरवलिया-बसावनपुर रिंग बांध टूट गया। जिससे भरवलीया गांव से संपर्क टूट गया, जबकि ग्राम सभा बसावनपुर सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बांध टूटने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है। वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य जारी है। वहीं राप्ती नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बरही से मोतीराम अड्डा की तरफ जा रही सड़क पर पानी चढ़ गया है। नौसड़ से आगे कोलिया के पास रिसाव अधिक हो रहा है। ऐसे में कालेसर से गोरखपुर की तरफ आने वाले बड़े वाहनों को रोक दिया गया है। बड़े वाहनों को टोल प्लाजा की तरफ से निकाला जा रहा है। नौसड़ में बाढ़ का असर इस कदर होने लगा है कि बिना चलाए ही हैंडपंप और बोरिंग पानी फेंक रहा है। बताया जा रहा है कि इसलिए हो रहा है क्योंकि बाढ़ के कारण जलस्तर बहुत बढ़ गया है।