कोलकाता। बांग्ला के प्रसिद्ध लेखक और मधुकरी सहित दर्जनों कृतियों के रचनाकार बुद्धदेव गुहा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। परिजनों ने बताया कि कोरोना के बाद की समस्याओं के कारण एक निजी अस्पताल में रविवार देर रात उनका निधन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बुद्धदेव गुहा का लेखन बहुमुखी था और वह पर्यावरण के प्रति बेहद संवेदनशील थे। उनकी रचना का कई पीढ़ियों ने आनंद लिया। उनका जाना साहित्य जगत के लिए बड़ी क्षति है। परिजनों ने बताया कि गुहा को इस महीने के शुरू में बेचैनी और संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले अप्रैल में वह कोरोना संक्रमण के कारण 33 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गुहा के निधन पर संवेदना जताते हुए कहा कि उनके निधन से बांग्ला साहित्य में खालीपन आ जाएगा। बुद्धदेव का जन्म 29 जून, 1936 को कोलकाता में हुआ था। उनका बचपन बारिसाल (अब बांग्लादेश) में बीता था। गुहा को उनकी कृतियों कोयलेर काछे (कोयल नदी के किनारे), कोजागर, एकटू उस्नोतर जोन्नोय, मधुकरी, जंगलमहल, चोरोयबेति आदि के लिए विशेष तौर पर याद किया जाएगा।