Lucknow News: संजीव माहेश्वरी जीवा हत्याकांड में जिस चेकोस्लोवाकिया की मैग्नम अल्फा .357 बोर की रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया, उससे यूपी में पहली बार किसी वारदात को अंजाम दिया गया है। बता दें कि प्रदेश में लगातार विदेशी असलहों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। इससे पहले माफिया अतीक-अशरफ, मेराज, मुकीम काला और अजीत सिंह हत्याकांड में जिगाना व गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। इन विदेशी हथियारों की सप्लाई कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़े तस्कर कर रहे हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इसी गिरोह से जुड़े तस्करों के जरिये शूटर विजय यादव को रिवॉल्वर मुहैया कराई गई।
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या में तुर्की की जिगाना व गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था। चित्रकूट जेल में मेराज व मुकीम काला को भी जिगाना पिस्टल से मौत के घाट उतारा गया था। अजीत सिंह हत्याकांड में भी जिगाना का ही इस्तेमाल हुआ था। वहीं अब सात जून को लखनऊ के एससी-एसटी कोर्ट में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड को चेकोस्लोवाकिया की मैग्नम अल्फा-357 बोर की रिवॉल्वर से अंजाम दिया गया।
कोर्ट रूम में जीवा की हत्या
आपको बता दें कि पुलिस हिरासत में लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की।
…ताकि बचने की गुंजाइश न हो
जिन वारदातों में जिगाना, गिरसान पिस्टल और अब मैग्नम अल्फा .357 बोर की रिवॉल्वर का इस्तेमाल हुआ है, उसमें शूटर ने सभी टारगेट को मार गिराया। पलक झपकते इन विदेशी हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग होती है। इनका इस्तेमाल इसीलिए किया जा रहा है, जिससे किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश न रहे।