उद्योग मंत्रालय ने स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये की दूसरी फंड ऑफ फंड्स योजना (एफएफएस) से जुड़ा बड़ा एलान करने का फैसला किया है। सरकार के अनुसार, इसका एक बड़ा हिस्सा नये युग की प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन निर्माण जैसे क्षेत्रों के उभरते उद्यमियों को आवंटित किया जा जाएगा।जिससे उन्हे अपने रोजगार को आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त हो सके।
2016 मे स्टार्टअप्स की मदद के लिए की गई योजना
इसके दौरान बजट में सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक नई FFS की घोषणा की है। 2016 में भी एक बार सरकार ने इसी तरह की योजना आयोजित की थी। तभी एक अधिकारी ने कहा, “हम 10,000 करोड़ रुपये के इस फंड का बड़ा हिस्सा नए युग की तकनीक, एआई और मशीन बनाने के लिए समर्पित करने जा रहे हैं।”
वर्ष 2016 की इस योजना घरेलू उद्यमों में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। मुख्य रूप से इसका उपयोग भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की ओर से किया जाएगा। इसके दौरान भारतीय प्रतिभूति को पूंजी प्रदान की जाती है, जो उसके बदले में स्टार्टअप्स में निर्वाचन करते हैं।
16 जनवरी 2016 को शुरू की गई थी स्टार्टअप इंडिया पहल
ऐसे में अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि सिडबी के दूसरी योजना का भी प्रस्ताव रखना चाहिए। नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए देश में एक मजबूत पारिस्थिति तंत्र बनाने के इरादे से सरकार ने 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहली बार शुरू की थी।
इसी दौरान भारत सरकार की शर्तों के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत संस्थाओं को विभाग की ओर से ‘स्टार्टअप’ के रूप में मान्यता दी जाती है। ये इकाइयां स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना के अंतर्गत कर और गैर-कर प्रोत्साहन प्राप्त करने के प्रमुख पात्र हैं।अब तक 55 से अधिक उद्योगों में 1,50,000 से अधिक संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है।
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