Pradosh Vrat: देवों के देव महादेव की महिमा अदभुत और बहुत ही निराली है। वह अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। भगवान महादेव की कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही सुखों में वृद्धि भी होती है। इसके दौरान साधक सोमवार, को व्रत रखने और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूरी भक्ति के साथ पूजा करने पर उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ इंद्र समेत कई मंगलकारी योग बन सकते है। इन सभी योगों में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। जानिए, इन योग के बारे में सबकुछ जानते हैं।
कब है प्रदोष व्रत
कहा जाता है कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल को है। इसके लिए 25 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। पंचांग गणना के अतिरिक्त 25 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी।
इसके दौरान 26 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 27 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समाप्ति होगी। प्रदोष व्रत पर संध्याकाल के समय महादेव की पूजा की जाती है। इसके कारण 25 अप्रैल को वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 33 मिनट से लेकर 09 बजकर 03 मिनट तक है।
पंचांग
- सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 44 मिनट पर
- चंद्रोदय – शाम 04 बजकर 27 मिनट पर
- चन्द्रास्त – शाम 04 बजकर 16 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04 बजकर 19 मिनट से 05 बजकर 02 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 52 मिनट से शाम 07 बजकर 13 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 40 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक