लखनऊ। वरिष्ठ व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी को रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति शीर्ष सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। इसके साथ ही शहर के युवा व्यंग्यकार अलंकार रस्तोगी और तेलंगाना के सुरेश कुमार मिश्र उरतृप्त को रवींद्रनाथ त्यागी सोपान सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। चार सितंबर को साहित्यकार रवींद्रनाथ त्यागी की पुण्यतिथि पर व्यंग्य यात्रा साहित्यिक पत्रिका की तरफ से दिल्ली के हिंदी भवन में सम्मान समारोह होगा। वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यबाला की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, डा कमल किशोर गोयनका, डा लालित्य ललित और डा प्रेम जनमेजय मौजूद रहे। रवीन्द्रनाथ त्यागी शीर्ष सम्मान में पच्चीस हजार रुपये की नकद राशि दी जाएगी। रवीन्द्रनाथ त्यागी सोपान सम्मान में 11 हजार रुपये की नकद राशि दिया जाएगा। निर्णायकों ने युवा रचना लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए इस बार दो पुरस्कार देने का प्रस्ताव दिया, जिसे प्रबंध समिति ने स्वीकार कर लिया। गोपाल चतुर्वेदी का जन्म 15 अगस्त, 1942 में लखनऊ में हुआ था। व्यंग्य को व्यवस्था गत विसंगतियों पर चोट करने का कारगर हथियार बनाकर संघर्ष करने की विरल लेखकीय पंरपरा में गोपाल चतुर्वेदी का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। अपनी हास्य-व्यंग्यपरक कृतियों के माध्यम से गोपाल चतुर्वेदी जहां एक तरफ़ जड़ हो चुके मूल्यों की शिनाख्त करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं उपकरणों से उस जड़ता को भंग कर विवेकशील चेतना के अविरल प्रवाह का मार्ग प्रशस्त करते हैं। व्यंग्य यात्रा ने उनपर ‘गोपाल चतुर्वेदी एकाग्र’ प्रकाशित किया था, जो बाद में पुस्तकाकार भी प्रकाशित हुआ। भारत के पहले सांस्कृतिक समारोह‘अपना उत्सव’ के आशय गान ‘जय देश भारत भारती’ के रचयिता गोपाल चतुर्वेदी आज के अग्रणी व्यंग्यकार हैं और उन्हें रेल का प्रेमचंद सम्मान, साहित्य अकादमी दिल्ली का‘साहित्यकार सम्मान, हिंदी भवन (दिल्ली) का व्यंग्यश्री, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का ‘साहित्य भूषण’ समेत अन्य कई सम्मान मिल चुके हैं।