Accident in kanwar yatra: मेरठ के भावनपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। भावनपुर थाना क्षेत्र के राली चौहान गांव भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाकर घर लौट रहे डाक कांवड़ियों की ट्रैक्टर -ट्राली 11 केवी की हाईटेंशन लाइन से टकरा गई। जिससे करंट लगने से मौके पर ही छह कांवड़ियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतकों में दो सगे भाई और चाचा-भतीजा शामिल हैं। सभी मृतक राली चौहान के रहने वाले हैं। वहीं, बुरी तरह से झुलसे 10 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। छह कावड़ियों की मौत के बाद गांव में कोहराम मचा गया। परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है। उनका कहना है कि इस दर्द को जीवन में कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
इस हादसे से आक्रोश में आए कांवड़ियों ने रोड पर जाम लगा दिया, और विद्युत विभाग के अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग करने लगे। कांवड़ियों का कहना था कि बिजली आपूर्ति बंद नहीं किए जाने से हादसा हुआ। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने छह कांवड़ियों की मौत की पुष्टि करते हुए हादसे के कारणों की जांच के लिए मजिस्ट्रेटियल जांच बैठा दी है।
अधिकारियों के अनुसार मृतकों में हिमांशु (14) उसका भाई प्रशांत (16) पुत्र सुरेश चंद्र सैनी, लखमी (45) पुत्र भगीरथ और उनका भतीजा मनीष सैनी (18) पुत्र सुशील, महेंद्र (45) पुत्र कमलू और लक्ष्य पुत्र सुनील (12) हैं।
वहीं, इस हादसे के बारे में गांव के लोगों ने बताया कि राली चौहान गांव के 16 कांवड़िया गुरुवार को हरिद्वार से डाक कांवड़ लेने गए थे जो शनिवार की देर रात करीब सवा आठ बजे डाक कावंड़ लेकर गांव लौट रहे थे। तभी भावनपुर थाना क्षेत्र में गांव से एक किलोमीटर पहले अचानक से 25 फीट ऊंची डाक कावंड़ के डीजे का फ्रेम 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। करंट लगने से सभी कांवड़िया झुलस गए। घायलों को आनंद अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने आनंद अस्पताल में हिमांशु, महेंद्र, प्रशांत, लखमी और लक्ष्य को मृत घोषित कर दिया। तथा मनीष की मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि झुलसे हुए लोगों को तत्काल उपचार दिलाया जा रहा है। डॉक्टरों की टीम अस्पतालों में जा रही है।
इस हादसे के बाद जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सभी इधर-उधर पड़े थे। जिन्हें देखकर चीत्कार मच गई। आनन-फानन में अलग-अलग अस्पतालों में लेकर पहुंचे। इसके अलावा गांव का बच्चा, बुजुर्ग और महिलाएं घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। छिलौरा समेत कई अन्य गांवों के ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में यह पहला हादसा है जिससे पूरे गांव में चीत्कार मच गई। इस दर्दनाक मंजर को जीवन भर नहीं भूलाया जा सकता।