Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में 30 साल के बाद दर्शन-पूजन शुरू हो गया है. संत समाज के साथ ही काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने भी तहखाने में पूजन किया. साथ ही इसको एक नया नाम भी दिया. काशी विद्वत परिषद ने व्यासजी के तहखाने को ज्ञान तालगृह को नाम दिया.
काशी विद्वत परिषद ने कहा कि अब तहखाना नहीं, ज्ञान तालगृह के नाम से ही इसे जाना जाएगा. इस नए नाम पर अखिल भारतीय संत समिति ने भी मुहर लगा दी. इसके साथ ही पांच पहर की आरती का समय भी निर्धारित किया गया. बता दें कि पहली आरती सुबह 3:30 बजे की जाएगी.
Gyanvapi: पाचों पहर होगी आरती
इसके अलावा प्रतिदिन की शुरुआत मंगला आरती से होगी. मंगला आरती- सुबह 3:30 बजे, भोग आरती- दोपहर 12 बजे, अपरान्ह- शाम 4 बजे, सांयकाल- शाम 7 बजे और शयन आरती- रात्रि 10:30 बजे होगी. इससे पहले ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में हाईकोर्ट से पूजा के आदेश के बाद वादी शैलेंद्र पाठक ने बुधवार की शाम को जिलाधिकारी एस राजलिंगम से मुलाकात कर देवी-देवताओं के राग-भोग की तत्काल अनुमति मांगी.
बता दें कि तहखाने के रिसीवर जिलाधिकारी ही हैं. लिहाजा, तहखाने में विग्रह को प्रतिष्ठित करके पूजा-अर्चना शुरू करा दी गई. वहीं, विग्रह चयन के लिए प्रशासन ने ASI की सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कराया, इसके बाद कोषागार में बंद तहखाने से मिले विग्रह को तत्काल निकलवाकर तहखाने में प्रतिष्ठित कराया.
Gyanvapi: रिपोर्ट में इन विग्रहों का जिक्र
ASI ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में बताया गया कि तहखाने में हनुमान की दो, विष्णु और गणेश की एक, दो शिवलिंग और एक मकर प्रतिमा प्राप्त हुई है. इनके साथ ही 259 सामग्रियों को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिया गया था. हालांकि इसे बतौर प्रमाण कोषागार में रखवाया गया है.
Gyanvapi: प्रशासन ने विग्रह का कराया चयन
प्रशासन ने इस मामले में शासकीय अधिवक्ताओं से विधिक राय लेने के बाद तहखाने से विग्रह का चयन कराया. साथ ही काशी विश्वनाथ धाम से व्यासजी के तहखाने के बीच रास्ता बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम को भेजा. इसके अलावा टीम ने 4 फीट के बैरिकेडिंग को काटने और यहां गेट लगाने की सलाह दी. इसके बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की निगरानी में व्यासजी के तहखाने तक पहुंचने के लिए ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग को काटकर हटाया गया.
Gyanvapi: विग्रहों को लाया गया विश्व नाथ मंदिर परिसर
अधिकारियों को सबसे अधिक परेशानी विग्रहों के चयन में हुई है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद कोषागार में रखे गए सभी 259 सामग्रियों में एएसआई की रिपोर्ट से मिलान कर 8 विग्रह अलग किए गए. इसमें करीब दो घंटे से भी अधिक का वक्त लगा. विग्रहों को रात 11 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में लाया गया.
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