वाराणसी। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने वाराणसी में अस्सी और वरुणा पर अवैध कब्जे की रिपोर्ट आठ अगस्त से पहले मांगी है। शुक्रवार को गंगा की अविरलता व निर्मलता पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कहा कि अस्सी और वरुणा के बिना वाराणसी में गंगा स्वच्छता की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही अस्सी व वरुणा नदी क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण को चिह्नित करने का भी आदेश दिया। गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका पर सुनवाई के बाद पांच जजों की पीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए गंगा व उसकी सहायक नदियों वरुणा व अस्सी में गिर रहे मल-जल व उस पर हुए अवैध निर्माण को लेकर निगरानी समिति गठित करने का आदेश दिया। स्वतंत्र निगरानी समिति को दो सप्ताह के अंदर काम शुरू करने का आदेश दिया गया है। एनजीटी द्वारा गठित स्वतंत्र निगरानी समिति के तालमेल के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। गठित कमेटी को अन्य नदी विशेषज्ञ की सहायता लेने की भी राय दी गई है। एनजीटी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि वाराणसी में गंगा कि सफाई की तब तक कल्पना नहीं की जा सकती जब तक उसकी सहायक नदी वरुणा व अस्सी को मल-जल मुक्त नहीं किया जाएगा।