राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि कबीरा तेरी झोपड़ी गल कटियन के पास। जे करनगे सो भरनगे, तू क्यों भयो उदास। जब आप सबमें भगवान को मानना शुरू करेंगे तो सभी लोग आपको मानना शुरू कर देंगे। व्यक्ति को अपने को सुधारने का प्रयत्न करना चाहिए। आप अपने को ठीक रास्ते पर चलावें, क्रोध करने वाले से भी मधुर व्यवहार, कड़ुवा बोलने वाले के सामने भी मीठी वाणी का प्रयोग करना। कई बार दवा बहुत कड़वी होती है, खाया नहीं जा सकता तो उस दवा में शहद मिलाकर वैद्य कहते हैं खा लेना, शहद मिलने से दवा मीठी हो जाती है। उसी तरह किसी की कड़वी वाणी, व्यवहार में शहद जैसा प्रेम हम उड़लेंगे तो मधुरता आ जायेगी। मधुरता न आवे ऐसा हो नहीं सकता। जब कड़वाहट का उत्तर हम कड़वाहट से देते हैं तो कड़वाहट और गहरी हो जाती है और कड़वाहट में अगर हम अपनी मिठास उड़ेल देते हैं तो कड़वाहट भी आगे वाले की थोड़े समय में समाप्त हो जाती है। फिर वो आपको कड़वा नहीं बोल सकता है। अहिंसा प्रतिष्ठायां तत्सन्निधौ
वैरत्यागः शास्त्र का वचन है कि अगर आप सच्चे अहिंसक हो तो आपके समीप आकर के हिंसक जीव भी अहिंसक हो जाएंगे। हर चीज के परमाणु उड़ते रहते हैं जहां आप बैठते हो आपके परमाणु चारों तरफ उड़ते रहते हैं। आपके जीवन में जो कुछ है उसका प्रभाव समीप आने वालों पर पड़ेगा। अगर आप सच्चे अहिंसक हैं। सच्चे दयावान हैं, तो आपके समीप आने वालों के विचारों में परिवर्तन अवश्य होगा। आपकी वाणी में यदि मिठास है तो सामने कड़वा बोलने वाला भी कभी न कभी मीठा बोलने लगेगा। इसलिए आप दूसरों को अच्छी वस्तु दें, जब देते रहेंगे तो आपको न मिले ऐसा नहीं हो सकता।
खेत को जो हम देते हैं वही लौटकर मिलता है, समाज को हम जो देंगे समाज वही लौटाकर देगा। ये भाव कब बनेंगे जब यह मान लिया जाय कि सबके भीतर भगवान हैं। जब कोई कड़वा बोले तो विचार करना कि हमारे भगवान इसके भीतर बैठकर हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। तो हमें परीक्षा में फेल होना या पास होना है। वो भले कड़वा बोल रहा है, लेकिन हम उससे मीठा बोलेंगे। उससे आपका दिल साफ सुथरा हो जायेगा। किसी ने कुछ कह दिया आप बार-बार चिन्तन करेंगे, उसने ऐसा क्यों कहा? तो वह कड़वाहट दिल में भर जाएगी। जहां भगवान को भरना था, वहां कड़वाहट भर गई, आप महीनों में वह कड़वाहट नहीं निकाल पाएंगे। तब तक किसी दूसरे ने एक दो शब्द कह दिया तो उसकी कड़वाहट लेकर बैठ गये, तो सारी जिंदगी आपकी कड़वाहट में बीत जायेगी। हजार व्यक्ति मिलेंगे तो कोई न कोई कड़वा बोलेगा। कड़वाहट को दिमाग में रख लिया। एक की रखी, दूसरे की रखी, तीसरे की रखी, चौथे की रखी, तो हमारा हृदय कड़वा हो गया। तो हमारी जिंदगी कड़वाहट में बीतेगी। छोटीकाशी बूंदी की पावन भूमि, श्री सुदामा सेवा संस्थान
(वृद्धाश्रम) का पावन स्थल, पूज्य महाराज श्री-श्री घनश्याम दास जी महाराज के पावन सानिध्य में चातुर्मास के पावन अवसर पर चल रही श्री ब्रह्म महापुराण कथा के चौथे दिवस पृथुराजा की कथा, धरती पर कैसे नगर, गांव, बस्ती का निर्माण हुआ इसका वर्णन किया गया। कल की कथा में सूर्यवंश,चंद्रवंश के साथ-साथ सृष्टि के प्रारंभ में भगवान ब्रह्मा के प्राकट्य की कथा वर्णन किया जायेगा।