नीति में लोगों की निष्ठा बनाने के लिए करना चाहिए प्रयत्न: दिव्य मोरारी बापू

राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि संस्कृति में – सत्यम् , शिवम् , सुन्दरम् उपासना करने वाली संस्थाएं हैं हमारे समाज में। ये तीनों हैं पत्रकार, कथाकार और कलाकार। पत्रकार सत्य का उपासक है। कथाकार शिव का उपासक है और कलाकार सुन्दर का उपासक है। कथाकार से मतलब है- सम्पूर्ण धर्मसंस्था। जो हमारे धर्मक्षेत्र के महापुरुष हैं, उपदेशक हैं। समाज के मूल्यों के प्रति लोगों की निष्ठा बनी रहे, नीति में लोगों की निष्ठा बनी रहे, इसका प्रयत्न कर रहे हैं। पत्रकार अपनी लेखनी के माध्यम से, कलाकार अपनी कला के माध्यम से और कथाकार अपने कंठ के माध्यम से समाज को सतर्क, जागृत रखने का प्रयत्न करते रहते हैं, यह तीनों का दायित्व है। कोई कितना ही बुद्धिमान क्यों न हो, किंतु यदि अपनी बुद्धि का उपयोग वह दूसरों को गिराने के लिये करता है, तो शास्त्र की दृष्टि में वह मंदमति ही है। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष। धर्म का हेतु क्या है? धर्म का हेतु है मोक्ष। इसलिये अनीति से कमायें नहीं और नीति से जो मिला है, उसमें ममता न रखें। मेरा-मेरा न करें। धर्म का हेतु अर्थ नहीं है। उन्होने कहा कि धर्माचरण करो तो मोक्ष के लिये, मुक्ति के लिये, अर्थ के लिये नहीं। आजकल लोग धर्माचरण करते हैं कि अर्थ मिले। कोई ऐसा मंत्र बताओ कि पैसा-पैसा हो जाये। लेकिन यह गलत है। धर्म का हेतु अर्थ नहीं है। अर्थ का हेतु धर्म है। आजकल जहां देखो धर्म की सेवा नहीं, धर्म का दोहन हो रहा है। धर्म की गाय को सब दुह रहे हैं, दूध पी जाना है सबको,ध्यान उधर है इसलिये गाय की सेवा नहीं हो रही है। इसको चारा कोई नहीं डाल रहा है। धर्म की गाय दुबली पतली हुई है, लेकिन सबका ध्यान दोहन की ओर है। एक मां की गोद में सात-सात बच्चे पलकर बड़े हो जाते हैं, लेकिन सात लड़कों की कोठी में एक माँ के लिये कहीं जगह नहीं है। तो कैसा कृतघ्न समाज है? वृद्धाश्रम बनाना पड़े, यह तो हमारे समाज की बीमारी का प्रतीक है। वृद्धाश्रम बनाने वालों को वंदन, क्योंकि वे सेवा कर रहे हैं। लेकिन वृद्धाश्रम की व्यवस्था करनी पड़े ये हमारी संस्कृति और समाज की बीमारी का प्रतीक है। सभी हरि भक्तों के लिये पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

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