जम्मू-कश्मीर। भारतीय समवेत औषध संस्थान (आईआईआईएम) जम्मू ने टीबी, क़ैंसर, पेट दर्द, स्किन आदि की बिमारियों के उपचार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की नई दवाएं तैयार की हैं। संस्थान के वैज्ञानिक के मुताबिक हाल ही में कैंसर के मरीजों के लिए आईआईआईएम-290 दवा बनाई गई है। इसके पहले फेज को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंजूरी दे दी है। कैंसर के मरीजों के लिए यह दवा फायदेमंद पाई गई है। वैज्ञानिक के मुताबिक रिसोराइन दवा भी संस्थान ने तैयार की है। इसकी दो मिलीग्राम खुराक से ही टीबी रोगी ठीक हो जाता है। कैडिला कंपनी इस दवा की मार्केटिंग कर रही है। पेट दर्द के उपचार के लिए अल्सरिन दवा भी बनाई गई है। इससे पेट दर्द और लिवर ठीक हो जाता है। धातकी पौधे (वुडफोडिया) से इस दवा को बनाया गया है। जिंक ग्लूकोनेट नेचुरल विटामिन दवा प्लांट फ्रूट से बनाई गई है। वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कमजोर मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है। इसके अलावा स्किन रोग की दवा पर भी संस्थान में शोध जारी है। इन दवाओं को तैयार करने के लिए औषधीय पौधे चठ्ठा फार्म में उगाए गए हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण जो औषधीय पौधे जम्मू में नहीं उग सकते हैं। उन्हें कश्मीर में उगाया जा रहा है। संस्थान सिर्फ अपने द्वारा लगाए गए पौधों का इस्तेमाल करता है। इन पौधों से अलग-अलग किस्म की दवाइयां तैयार की जा रही हैं।