केंद्र सरकार देश भर में पेट्रोल पंपों पर लगाएगी ईवी चार्जर
नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए केंद्र सरकार अगले कुछ वर्षों में देश भर में 70,000 ईवी चार्जर लगाने की योजना बना रही है। केंद्र ने कहा कि भारत भर के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर इन ईवी चार्जिंग स्टेशनों को लगाने का काम पहले से ही चल रहा है। केंद्र ने कहा कि उसका लक्ष्य देश भर में 70,000 पेट्रोल पंपों की सुविधा का इस्तेमाल करते हुए कम से कम 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी तेल कंपनियों ने पहले ही अगले कुछ वर्षों में 17,000 ईवी चार्जिंग केंद्र लगाने के लिए अपने आउटलेट का इस्तेमाल करने का वादा किया है। भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस तरह का पहला चार्जिंग स्टेशन एक्सप्रेस हाईवे, हाईवे और आबादी वाले शहरों में बनाया जाएगा। बिजली मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि राजमार्ग के दोनों किनारों पर हर 25 किलोमीटर पर कम से कम एक ईवी चार्जिंग स्टेशन होना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि लॉन्ग रेंज और हेवी ड्यूटी वाले इलेक्ट्रिक वाहन के लिए कम से कम एक ईवी चार्जिंग स्टेशन राजमार्ग के दोनों किनारों पर हर 100 किलोमीटर पर स्थापित किया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि शहरों के लिए 3 किमी गुणा 3 किमी के ग्रिड में कम से कम एक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने पुणे में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) को FAME II योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की फास्ट चार्जिंग के लिए एक प्रोटोटाइप विकसित करने का निर्देश दिया है और इसे अगले साल के आखिर तक इस्तेमाल में लाने का लक्ष्य रखा है। मंत्री को उम्मीद है कि अगले साल नवंबर तक प्रोटोटाइप तैयार हो जाएगा। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा को इसकी जानकारी दी, हमारा मंत्रालय पेट्रोलियम और बिजली मंत्रालयों के साथ मिलकर फेम इंडिया के कार्यान्वयन की दिशा में काम कर रहा है। हम देश भर में कुल 70,000 पेट्रोल पंपों में से 22,000 में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं और इस संबंध में काम जारी है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता एक्सप्रेस हाईवे, हाईवे और आबादी वाले शहरों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है और बाद में इसे ग्रामीण इलाकों में ले जाया जाएगा।