पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रात्रि का 12:00 बजे का समय, दिशायें निर्मल, शीतल मंद सुगंध पवन चलने लगी, हर वृक्ष पर पुष्प निकल आये, भौरे गूंजने लगे। सबको स्वागत करना है श्री ठाकुर जी का ! विमानों में देवता आ गये, देवताओं की स्त्रियां सोने की थाली में आरती लेकर खड़ी हो गईं कि जब प्रभु प्रगट होंगे तो हम आरती करेंगे, देवता विमानों में पुष्प भरकर लाये थे, प्रभु के प्रकट होने पर वर्षा करने के लिये, गंधर्व और किन्नर तैयार थे नाचने के लिये और बाजे बजाने के लिये कि- जब श्री ठाकुर जी का जन्म होगा तो एकदम बादलों की ध्वनि होगी और हम नाचेंगे। जब कोई खुशी होती है तो उसे नाच कर, गाकर और दान देकर पूरा करना चाहिए। पोते का जन्म होता है तो दादा भी नाचता है। अपनी झुकी- झुकी कमर से दादी भी नाचती है दादा भी नाचता है संसार के नाशवान पुत्र और पोते के लिए यदि आप ख़ुशी मना सकते हो तो आज जब भगवान आपके सामने प्रकट हो रहे हैं उसकी तो आपको ज्यादा खुशी मनानी चाहिए। भगवान की खुशी मनाता है उसके घर में सदा खुशियां ही रहती हैं। उसके घर सदा मंगल होता है सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा,(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)