मुंबई। राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के मुख्य कोच के लिए आवेदन भरा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्र ने न्यूज एजेंसी से इसकी पुष्टी की है। वे फिलहाल बैंगलोर में स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकेडमी (एनसीए) के डायरेक्टर पद पर मौजूद हैं। मुख्य कोच चुने जाने पर उन्हें एनसीए के पद से इस्तीफा देना होगा। द्रविड़ का टीम इंडिया का मुख्य कोच चुना जाना लगभग निश्चित है। वहीं भारत के पूर्व स्टायलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण एनसीए के नए डायरेक्टर बनाए जा सकते हैं। सूत्र ने बताया कि राहुल द्रविड़ ने आवेदन किया है और लक्ष्मण एनसीए में उनकी जगह ले सकते हैं। लक्ष्मण और बीसीसीआई में बातचीत जारी है। इसको लेकर जल्द ही सूचना आ सकती है। वहीं, द्रविड़ ने नए कोच को लेकर सभी कयासों पर विराम चिह्न लगा दिया। द्रविड़ का मुख्य कोच बनना तय:- राहुल द्रविड़ का टीम इंडिया का मुख्य कोच बनना तय माना जा रहा है, क्योंकि आईपीएल 2021 के फाइनल वाली रात बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने गांगुली से बातचीत की थी और उन्हें इस रोल के लिए मना लिया था। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से बातचीत के बाद द्रविड़ टीम इंडिया के हेड कोच का रोल निभाने को तैयार हो गए थे। इसके बाद ही उन्होंने यह आवेदन किया है। 10 करोड़ रुपये हो सकती है द्रविड़ की सैलरी:- सूत्रों के मुताबिक राहुल द्रविड़ को इस पद के लिए 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें बोनस भी मिलेगा। मौजूदा कोच रवि शास्त्री की सैलरी 8.5 करोड़ रुपये है। द्रविड़ 17 अक्टूबर से 14 नवंबर तक होने वाले टी-20 विश्व कप के बाद पद संभाल सकते। उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में कोच की भूमिका निभाएंगे:- टी-20 विश्व कप के ठीक बाद नवंबर में न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर आएगी। इस दौरान 17 नवंबर से दोनों टीमों के बीच तीन टी-20 और दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी। द्रविड़ इसी सीरीज से मुख्य कोच की भूमिका में दिख सकते हैं। द्रविड़ इससे पहले इंडिया-ए और अंडर-19 टीम के कोच भी रह चुके हैं। शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो रहा:- दरअसल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद मौजूदा कोच रवि शास्त्री और अन्य सपोर्टिंग स्टाफ के कार्यकाल समाप्त हो जाएंगे। वहीं विराट कोहली भी टी-20 की कप्तानी छोड़ देंगे। ऐसे में विश्व कप के बाद न्यूजीलैंड के साथ होने वाली घरेलू सीरीज में टीम के नेतृत्व को लेकर संकट बढ़ जाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय बोर्ड नए विकल्प की तलाश में जुटी है।