यात्रा। भारत पर्यटन के लिए प्रसिद्ध देश है। भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई सारे पर्यटन स्थल हैं। पहाड़ों, नदियों, झीलों, झरनों और जंगलों के बीच आप घूमने जा सकते हैं। गर्मी से लेकर सर्दियों के मौसम तक में घूमने के लिए आपको कई खूबसूरत विकल्प मिल सकते हैं। इसमें उत्तराखंड का कॉर्बेट नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात का गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य, राजस्थान में स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, गलगिबागा बीच, गोवा, टयडा आंध्र प्रदेश और उड़ीसा का चिल्का झील आदि का नाम शामिल है। इन सभी पर्यावरणीय पर्यटनों को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए सरकारे प्रयास कर रही हैं। ऐसे में अगर आप इन पर्यावरणीय पर्यटनों पर घूमने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखकर इनके संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।
नदी-झीलों को गंदा होने से बचाएं:-
अगर आप किसी ऐसी जगह पर घूमने जा रहे हैं, जहां नदियां, झरने या झीलें हैं तो उनको स्वच्छ रखने का प्रयास करें। अक्सर पर्यटक इन जगहों पर जाते हैं, उन्हें ये झरने-झीले आकर्षित करती हैं लेकिन वह इन्हें गंदा करके चले जाते हैं। सामान फेंकना, कपड़ा, प्लास्टिक, पॉलीथिन आदि नदियों में डाल देना आदि पर्यटन अक्सर करते हैं। जो इन इन स्थलों को अशुद्ध करने के साथ ही जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंचाता है।
गंदगी न फैलाएं:-
राष्ट्रीय उद्यानों, हरी भरी पहाड़ियों पर लोग ट्रैकिंग, कैम्पिंग के लिए जाते हैं लेकिन वहां वक्त बिताने के बाद गंदगी छोड़कर आ जाते हैं। कचरा फैलाते हैं और उसे साफ करने के बजाए वैसा ही गंदा छोड़ देते हैं। इससे प्रदूषण फैलने के साथ ही उद्यान के जानवरों को भी खतरा होता है।
गाड़ियों से प्रदूषण:-
अक्सर लोग ऐसी गाड़ियों से सफर करते हैं जो बहुत प्रदूषण फैलाती है। पेट्रोल-डीजल से होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण को नुकसान होता है। जिस शुद्धता और स्वच्छ वातावरण के लिए लोग पर्यावरणीय पर्यटन पर घूमने जाते हैं, वहां प्रदूषण फैलाकर वापस आ जाते हैं।
जीवों को नुकसान पहुंचाना:-
वैसे तो अब शिकार करने पर प्रतिबंध है लेकिन कई लोग ऐसी जगहों पर जाकर छोटे जानवरों को नुकसान पहुंचाते हैं। कई ऐसे स्मगलर व अपराधी हैं, जो हिरण का शिकार आदि करते हैं
प्लास्टिक, पॉलीथिन का इस्तेमाल न करें:-
ट्रैवल के दौरान अक्सर लोग सामान में डिस्पोजल प्लेट, प्लास्टिक बोतल और पॉलीथिन आदि लेकर जाते हैं। लेकिन हो सके तो सफर में ऐसी चीजों का इस्तेमाल न करें। प्लास्टिक और पॉलीथिन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। हालांकि अगर आप इनका इस्तेमाल कर ही रहे हैं तो इधर उधर सामान फेंकने के बजाए डस्टबिन में ही डालें। घूले में इसे फेंक कर न आएं।