महत्वपूर्ण जानकारी। बुद्ध पूर्णिमा का बौद्ध धर्म में विशेष महत्व है। वहीं, श्रीलंका व अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इस दिन को ‘वेसाक’ उत्सव के रूप में मनाते हैं जो ‘वैशाख’ शब्द का अपभ्रंश है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। जो इस साल का पहला चंद्रग्रहण होगा।
बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 12 मिनट से 4 बजकर 55 मिनट बताया जा रहा है। वहीं चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय 5 मई की शाम 6 बजकर 45 मिनट पर है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगने का यह संयोग पूरे 130 साल बाद बन रहा है। इस दिन स्नान, दान, पूजा-पाठ का खास महत्त्व है। हांलाकि इस दिन ग्रहण लग रहा है तो कुछ गलतियां से बचना चाहिए, जिससे हानि हो सकती है।
ऐसा बताया जाता है कि भगवान बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। अतः हिन्दुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा के ही दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार 5 मई को पूर्णिमा पड़ रही है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। नहीं तो भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है।
- ऐसी मान्तया है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सात्विक आहार करना चाहिए। भूल कर भी मांस मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन तुलसी, आंवला और केले के पेड़ को भूलकर भी क्षति नहीं पंहुचानी चाहिए। माना जाता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास रहता है। इस दिन इन तीनों का पेड़ों को पूजने से आपका कल्याण होगा।
- बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। तो ऐसे में रात्रि के समय दही का प्रयोग बिल्कुल भी न करें। इससे आपके जीवन में चन्द्रमा की कुदृष्टि भी लग सकती है। इसलिए दही का सेवन न करें।
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन झूठ बिल्कुल भी न बोलें। इससे आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।