लाइफस्टाइल। भारत के लगभग हर जगह बसंत पंचमी का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। बसंत पंचमी के पर्व के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है। इसलिए बसंत पंचमी को होली के त्योहार की शुरुआत माना जाती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा होती है। मां सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन स्कूल-कॉलेज में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है। इस वर्ष बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जा रही है। बसंत पंचमी का त्यौहार बच्चों के लिए बहुत खास है। बच्चों को बसंत पंचमी के पर्व के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। बसंत पंचमी का त्योहार बच्चों के लिए दिलचस्प बनाना बहुत जरूरी है। तो चलिए बच्चो के साथ बसंत पंचमी के त्योहार को खास बनाने के तरीके जानते है।
रंग :-
बच्चों को बताएं कि बसंत पंचमी के अवसर पर पीले रंग के कपड़ों की खास महत्व होता है। उन्हें इस दिन पीले कपड़े पहनाएं ताकि वह इस दिन को बाकि दिनों से अलग समझें और त्योहार को लेकर उत्साहित हो जाएं।
परिधान :-
बसंत पंचमी के अवसर पर बच्चों को पारंपरिक भारतीय परिधान पहना सकते हैं। कुर्ता पायजामा आदि में बच्चे को मां सरस्वती की पूजा के लिए तैयार कर सकते हैं। बच्चे त्योहार पर खास परिधान पहनना चाहते हैं। बसंत पंचमी पर भी अन्य त्योहारों की तरह जब वह तैयार होंगे तो इस पर्व के महत्व को भी समझ सकेंगे।
पूजा :-
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा होती है। उनके चरणों में फूल चढ़ाकर शिक्षा और ज्ञान का आशीर्वाद मांगा जाता है। सुबह स्नान के बाद बच्चों को तैयार करें और उन्हें मां सरस्वती की पूजा में शामिल करें। बच्चों को मां सरस्वती की कहानी सुनाएं।
पकवान :-
कोई भी त्योहार हो, लजीज व्यंजनों और पकवान के बिना अधूरा होता है। बसंत पंचमी के मौके पर बच्चों के साथ मिलकर कुछ मीठा तैयार करे, जिसे मां सरस्वती की पूजा में भोग के तौर पर अर्पित करें। वहीं दोपहर या रात के खाने में स्वादिष्ट व्यंजनों को शामिल करें।
पतंग उड़ाएं :-
बसंत पंचमी के दिन कई जगहों पर पतंग उड़ाने का भी रिवाज है। इस बार गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक ही दिन है। अगर बच्चे स्कूल से जल्दी घर वापस आ जाएं या फिर छुट्टी मना रहे हैं तो उनके साथ पतंग उड़ाकर बसंत पंचमी को खास बना सकते है।