Delhi: दिल्ली सरकार ने बिजली के बिलों को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने आरईएससीओ /यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन (यूएलए) मॉडल के तहत पूरी दिल्ली में 1000 रूफटॉप सोलर लगाने की व्यापक शुरुआत की है. जिससे हर घर की छत एक बिजलीघर बन जाएगी. सोमवार को इस योजना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि हमारा उद्देश्य दिल्ली को स्वच्छ, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार राजधानी बनाना है.
घरों या संस्थानों पर बिना पूंजी के लगेंगे सोलर सिस्टम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस योजना की मदद से दिल्ली के नागरिकों को बिना किसी अग्रिम लागत के सौर ऊर्जा की सुविधा मिलेगी. इस मॉडल के तहत अब दिल्लीवाले अपने घरों या संस्थानों पर बिना किसी पूंजी निवेश के रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं. उपभोक्ता को केवल अपनी छत उपलब्ध करानी होगी, जहां सोलर प्लांट लगाया जाएगा. इंस्टॉलेशन का कार्य उन डिवेलपर्स करेंगे. इन्हें संबंधित बिजली कंपनी नियुक्त करेगी.
कंपनी करती है सौर पैनल स्थापित
यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन एक मॉडल है जिसमें बिजली वितरण कंपनियां घरों की छतों पर सौर ऊर्जा सिस्टम स्थापित करती हैं. उपभोक्ता के घरों या संस्थानों पर आरईएससीओ कंपनी सौर पैनल लगाती है और उसका प्रबंधन करती है. उपभोक्ता केवल उपयोग की गई बिजली के लिए भुगतान करता है. इस मॉडल में उपभोक्ता को सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लिए कोई अग्रिम निवेश नहीं करना पड़ता है.
तीन वर्षों में 2.3 लाख घरों का लक्ष्य
मुख्यमंत्री के अनुसार हमारी सरकार की कैबिनेट द्वारा पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट रूफटॉप सोलर पैनल की स्थापना पर 30,000 रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी (10,000 रुपए प्रति किलोवाट) पहले ही मंजूर की जा चुकी है, जिससे कुल उपलब्ध सब्सिडी 1.08 लाख रुपए हो गई है जो अब तक की किसी भी योजना के तहत सबसे अधिक है. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने इस पहल की प्रभावशीलता और पहुंच को बढ़ाने के लिए ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना-स्टेट टॉप-अप’ नामक योजना शुरू की है. इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है और अगले तीन वर्षों में 2.3 लाख घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.
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