‘प्रोजेक्ट चीता’ से जुड़े वैज्ञानिक का घटाया गया एक्सटेंशन

नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को प्रसिद्ध जीव विज्ञानी और भारतीय वन्यजीव संस्थान के डीन वाई वी झाला के कार्यकाल को एक साल के लिए कम कर दिया है। 28 फरवरी 2022 को उनकी सेवानिवृत्ति पर सरकार ने दो साल का सेवा विस्तार दिया था। अब पुराने आदेश को वापस लेते हुए झाला के सेवा विस्तार को एक साल के लिए कम कर दिया गया है। मतलब सरकार के नए आदेश के अनुसार इस साल 28 फरवरी से झाला रिटायर हो गए हैं। मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है कि झाला की तत्काल सेवानिवृत्ति से होने वाली वेकेंसी को वैज्ञानिकों की भर्ती की चल रही प्रक्रिया के जरिए भरा जाएगा।

वाई वी झाला प्रसिद्ध जीव विज्ञानी हैं और WII के डीन रह चुके हैं। 2009 से लगातार वह केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के साथ काम कर रहे थे। बताया जाता है कि सरकार की महत्वाकांक्षी चीता परियोजना के लिए तकनीकी आधार भी झाला ने ही तैयार किया था। संरक्षणवादी एम के रंजीत सिंह के नेतृत्व में 2010 में गठित चीता टास्क फोर्स के भी वह सदस्य थे। रिपोर्ट के मुताबिक नामीबिया से चीतों के पहले जत्थे को भारत लाने के कुछ दिनों बाद सितंबर 2022 में झाला को सरकार की नई चीता टास्क फोर्स से हटा दिया गया था।

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