पीएम मोदी ने 37.5 गीगावाट की कुल क्षमता वाले 50 सौर पार्क को दी मंजूरी

Solar Energy: इस समय सोलर एनर्जी कई क्षेत्रों में कोयले और गैस से आगे निकलकर बिजली का सबसे किफायती स्रोत बन गई है. इसे बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने करीब 37.5 गीगावाट की कुल क्षमता वाले 50 सौर पार्क को मंजूरी दी है. इसके लिए आगामी कुछ वर्षो में 30 गीगावाट के अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए संभावित अपतटीय पवन ऊर्जा स्थलों की पहचान की है. ये सारी बातें नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री जोशी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 7वीं आम सभा के उद्घाटन सत्र में कही.

उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत का 2024-25 का केंद्रीय बजट इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण में 110 प्रतिशत की वृद्धि और पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी पहलों के लिए लक्षित समर्थन शामिल है.

सोलर एनर्जी पर दुनिया में हो रहा बड़ा निवेश

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वैश्विक सौर निवेश इस साल 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो पिछलें साल 393 अरब डॉलर था. उन्‍होंने आगे कहा कि कई क्षेत्रों में यह कोयले तथा गैस से भी अधिक किफायती ऊर्जा स्रोत है. ऐसे में इन निवेशों से नई क्षमता ही नहीं जुड़ रही, बल्कि दुनिया भर में सौर ऊर्जा की लागत भी कम हो रही है. जोशी ने कहा कि यह तीव्र वृद्धि रिकॉर्ड-तोड़ निवेशों से प्रेरित है. ऐसे में वैश्विक सौर निवेश साल 2018 में 144 अरब अमेरिकी डॉलर था, लेकिन 2023 में वो बढ़कर 393 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है और 2024 के अंत तक इसके 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.

1,000 अरब डॉलर का निवेश जुटाने का लक्ष्य 

उन्‍होंने बताया कि आईएसए ‘टुवार्ड्स 1000’ रणनीति से आगे बढ़ रहा है, जिसका मकसद 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 अरब डॉलर का निवेश जुटाना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नीत सरकार के शासन में भारत ने महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्य निर्धारित किए हैं और उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. भारत ने पिछले महीने 90 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता हासिल कर ली और 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता के अपने व्यापक लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है.

इसके अलावा उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत नए क्षितिज पर भी अपनी नजरें स्थापित कर रहा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है, ताकि 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता से समर्थन मिल सके.

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