ये योगासन तंत्रिकाओं काे मजबूत रखने में हैं सहायक…

योग। मानसिक सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए तंत्रिकाओं का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। शरीर में होने वाली हर प्रकार की प्रतिक्रियाओं, एहसास और कुछ करने के लिए दिमाग से मिलने वाले संकेत में तंत्रिकाओं की विशेष भूमिका होती है, हालांकि पिछले कुछ वर्षो में इससे संबंधित समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं।

हाथ और पैर का अक्सर कांपते रहना, सिर और चेहरे में लगातार दर्द, हाई ब्लड प्रेशर आदि न्यूरोलॉजिकल स्थितियों के कुछ शुरुआती लक्षण हैं। इस तरह की स्थितियों के लिए हमारी जीवनशैली की गड़बड़ी को एक प्रमुख कारण मान सकते हैं। नसें हमारे शरीर में तारों की तरह काम करती हैं। शरीर में क्या हो रहा है, इसके बारे में ये मस्तिष्क को जानकारी प्रसारित करती हैं।

जब ये नसें ठीक से काम करना बंद कर देती हैं, तो इससे मस्तिष्क का शरीर के अन्य हिस्सों पर नियंत्रण कम होने लगता है। नसों की यह समस्या कई बार अस्थायी होती है तो कुछ स्थितियों में यह जीवन भर बनी रह सकती है। योग विशेषज्ञों के अनुसार कुछ योगासन और प्राणायाम ऐसे हैं जो तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में बहुत प्रभावी पाए गए हैं। इनका नियमित अभ्यास करना आपके शरीर के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है।

विपरीत करणी मुद्रा:-

तंत्रिकाओं की समस्या को दूर करने में विपरीत करणी योग मुद्रा को काफी असरकारक माना जाता है। यह आसन मन-शरीर के संबंध को ठीक रखने और न्यूरॉन्स को उत्तेजित करने में सहायक माना जाता है। चिंता-तनाव के लक्षणों को कम करने के साथ यह योग आसन पीठ के निचले हिस्से को भी मजबूती देता है। दीवार के सहारे दोनों पैरों को ऊपर उठाने वाला यह योगासन पैरों को टोन करने और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में आपके लिए विशेष रूप से सहायक माना जाता है।

बालासन योग:-
बालासन योग, सूर्य नमस्कार चक्र का एक हिस्सा है, जो पाचन प्रक्रिया से लेकर तंत्रिकाओं को आराम देने के सबसे कारगर योगासनों में से एक है। यह योगासन आपको अपनी सांसों को बेहतर करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। बालासन योग काफी आसान है और इससे लगभग हर उम्र के लोग आसानी से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जिन लोगों को अक्सर तनाव-चिंता जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, उन लोगों को भी इस योगासन के अभ्यास से लाभ मिल सकता है।

प्राणायाम का अभ्यास:-
कपालभाति और अनुलोम विलोम जैसे प्राणायाम, तंत्रिकाओं की समस्या को दूर करके दिमाग को तेज करने और याददाश्त बढ़ाने में काफी कारगर होते हैं। दूसरी ओर, भस्त्रिका, भ्रामरी, उज्जयी जैसे प्राणायाम को मानसिक स्वास्थ्य लाभ और मस्तिष्क तथा पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करने वाला माना जाता है। प्राणायाम के नियमित अभ्यास की आदत आपको अपनी जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में भी काफी मदद करती है।

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