अररिया में फर्जी दारोगा चढ़ा पुलिस के हत्थे, 2 साल से कर रहा था ठगी

Bihar News: अररिया नगर थाना पुलिस ने सोमवार शाम को एक फर्जी दरोगा को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. गिरफ्तार किए गए कथित फर्जी दरोगा पिछले दो साल से दरोगा की वर्दी में विभिन्न थानों में पैरवी से लेकर वसूली के धंधे में संलिप्त था. पुलिसकर्मियों को शक हुआ तो नगर थाना को इसकी सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची नगर थाना पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और कड़ाई से विभागीय पूछताछ की तो उसकी पोल खुल गई. गिरफ्तार फर्जी दरोगा की पहचान रणवीर कुमार के रूप में हुई है. पुलिस ने उसके पास से एक नकली लाइटर वाला पिस्तौल भी जब्त किया है.

लोगों से रुपये ठगता था फर्जी दारोगा

इस पूरे मामले में नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने बताया कि आरोपी बीते करीब दो साल से दारोगा की नकली वर्दी पहनकर पैरवी के नाम पर लोगों से रुपये ठगता था. 15 दिन पहले भी वह खुद को पलासी थाना में पदस्थापित बताकर गोपनीय कार्यालय पहुंचा था. उसी समय से पुलिस की नजर उसकी गतिविधियों पर थी. जिसके बाद सोमवार को जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. यह मूल रूप से कुमारखंड दुधेला बराही वार्ड संख्या 9 मधेपुरा का निवासी है और उनकी शादी फारबिसगंज के ठेलामोहन गांव में हुई है. पत्नी को लेकर वह फारबिसगंज के गोड़ियारे में भाड़े के मकान में रहता है.

कैसे हुआ पुलिस को शक

पुलिस को सूचना मिली थी कि समाहरणालय परिसर में पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति संदिग्ध रूप से घूम रहा है. उसका हाव-भाव और बातचीत का तरीका पुलिसकर्मी जैसा नहीं लग रहा था. सूचना मिलते ही नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने तुरंत टीम गठित की. सोमवार को भी एसपी के गोपनीय कार्यालय में एक केस की पैरवी और मैनेज करने के लिए आया हुआ था. एसपी कार्यालय से निकलकर वह बाइक स्टार्ट कर निकलने वाला ही था कि पुलिस ने उसे धर दबोचा.

तलाशी के दौरान पकड़ा गया आरोपी

थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक के नेतृत्व में पुअनि अमरेंद्र सिंह, पुअनि ललित सिंह और सअनि पुष्कर सिंह की टीम समाहरणालय पहुंची. निर्वाचन कार्यालय के पास एक व्यक्ति दारोगा की वर्दी में बाइक से जा रहा था. पुलिस ने उसे रोका और नाम-पता पूछा तो उसने खुद को 2018 बैच का दारोगा रणवीर कुमार बताया.

पूछताछ में खुली पोल

जब पुलिस ने विभागीय सीनियर अधिकारियों के नाम, थाना कार्यप्रणाली, ट्रेनिंग और नियुक्ति से जुड़े सवाल किए तो आरोपी गोल-मोल जवाब देने लगा. कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया. शक गहराते ही उसे हिरासत में लेकर नगर थाना लाया गया.

दो साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा

पूछताछ में आरोपी ने अपना असली नाम रणवीर कुमार बताया. वह मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर दुधैला गांव का रहने वाला अर्जुन पासवान का पुत्र है. उसने कबूल किया कि पिछले दो वर्षों से वह फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर आसपास के जिलों में ठगी कर रहा था. वर्दी की आड़ में सीधे-साधे लोगों को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठता था.

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