अमरनाथ यात्रा पर श्रद्धालुओं की होगी अचूक सुरक्षा, ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी   

Amarnath Yatra 2025 : अब केंद्रीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर फोकस जारी कर दिया है। देश में सबसे बड़े केंद्रीय बल ‘सीआरपीएफ’, जोकि काफी लंबे समय से अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है, सूत्रों के मुताबिक, इस बार सुरक्षा बलों का विशेष फोकस फिदायीन अटैक और आईईडी ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) के हमलों को रोकना है। सीआरपीएफ की ‘1000 मीटर’ की थ्योरी, आतंकियों को यात्रा रूट के निकट तक नहीं फटकने देगी। 

आतंकियों को यात्रा के निकट नहीं पहुंचने देंगें 

आपको बता दें ‘सीआरपीएफ’ ने तय किया है कि अमरनाथ यात्रा के रास्‍ते पर श्रद्धालुओं को अचूक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। जिन मार्गों से अमरनाथ यात्रा गुजरेगी, वहां की अचूक किलेबंदी की जाएगी। सीआरपीएफ की ‘1000 मीटर’ की थ्योरी, कड़ी सुरक्षा के दौरान आतंकियों को यात्रा निकट तक नहीं पहुंचने देगी। यात्रा के दौरान रास्ते में कोई खतरा न हो, इसके लिए सीआरपीएफ की ‘रोड ओपनिंग पार्टी’ 24 घंटे गश्त पर रहेगी।

यात्रियों की सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी

जानकारी के अनुसार, यात्रा के रूट को सुरक्षित करने के लिए सीआरपीएफ द्वारा विशेष मोर्चाबंदी की जाएगी। सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए यात्रा के रास्‍ते लगभग एक किलोमीटर के अंतराल पर सेनेटाइज किया जाएगा। यानी इतनी दूरी पर सीआरपीएफ का एक मोर्चा रहेगा। इतनी कम दूरी पर मोर्चा इसलिए रखा गया क्‍योंकि किसी दूसरे मोर्चे पर कोई घटना हो तो पहले मोर्चे से बिना कोई देरी किए जवान, वहां पहुंच सकते हैं। यात्रियों को फुलप्रूफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए रूट पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे। 

फिदायीन अटैक के मामले में सुरक्षा बल सतर्क

हम आपको बता दें कि इस यात्रा पर आतंकवादियों की बुरी नजर है। जानकारी के मुताबिक, अभी भी जम्मू-कश्मीर में लगभग ’50’ पाकिस्तानी दहशतगर्द छिपे हैं। इन आतंकियों के पास छोटी मिसाइल सहित चार तरह के हथियार हैं, इस हथियारों का इस्तेमाल ये दहशतगर्द अमरनाथ यात्रा पर हमले के लिए कर सकते हैं। इनमें छोटी मिसाइल यानी हैंड ग्रेनेड के अलावा, आईईडी, चिपकने वाला बम और ड्रोन शामिल हैं। फिदायीन अटैक को लेकर भी सुरक्षा बल सतर्क हैं। 

पीएएफएफ की गतिविधियों पर खास नजर

यात्रा के चलते रूट पर जो विशेष शिविर तैयार किए जाएंगे,  उनकी दूरी अब कम कर दी गई है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर रोड ओपनिंग पार्टी की संख्या बढ़ाई जाएगी। ये ओवर ग्राउंड वर्कर, आतंकियों को जरुरी सूचनाएं एवं ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुहैया कराते हैं। वहीं पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के जम्मू कश्मीर में मौजूद मुखौटे आतंकी संगठन जैसे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) और पीएएफएफ की गतिविधियों पर खास नजर रखी जा रही है।

सुरक्षा बलों की प्राथमिकता टारगेट किलिंग को रोकना

इस यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों की प्राथमिकता टारगेट किलिंग को रोकने की रहेगी। सुरक्षा पर नजर रखते हुए रसद सामग्री वाले स्थानों पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जाएगी। अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा करते हुए यात्रियों के शिविरों पर हमला न हो, इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। इस दौरान उपकरणों के अलावा खोजी कुत्ते भी इस काम में सुरक्षा बलों की मदद करेंगे। सुरक्षा बलों ने ड्रोन को मार गिराने के लिए शूटर तैनात होंगे। आईईडी का पता लगाने के लिए अनेक जगहों पर तकनीकी उपकरण लगाए जा रहे हैं। 

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