Marriage Registration : उत्तर प्रदेश में अब कोई शादी का फर्जी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएगा। अब शादी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में खास बदलाव किया गया है। बता दें कि शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए विवाह संस्कार संबंधी आधे-अधूरे सबूत अब नहीं चल पाएंगे। शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए अब पक्के सबूतों के साथ ही जोड़ों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
पंडित और पौलवी का भी लगेगी गवाही
जानकारी के अनुसार, नए रजिस्ट्रेशन के लिए दोनों का विवाह कराने वाले पंडित, पादर और मौलवी आदि की भी गवाही अनिवार्य होगी। इसके साथ ही अब शादी वाली जगह के आधार पर नहीं बल्कि उस जगह की तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में किया जाएगा। जहां वर-वधू या उनके माता-पिता रहते हैं। इस दौरान शादी रजिस्ट्रेशन के दौरान परिवार के एक सदस्य को भी वहां मौजूद रहना होगा।
परिवार के सदस्य का मौजूद होगा अनिवार्य
शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए इस नए बदलाव में कहा गया कि अगर किसी वजह से जोड़े के परिवार का सदस्य नहीं आ पाता है तो शादी कराने वाले पंडित या मौलवी को गवाही के लिए आना होगा। इस प्रकार जिसने आपकी शादी कराई होगी, उसको वहां मौजूद रहना होगा।
कार्यालय में देनी होगी शादी की वीडियो
जानकारी के दौरान साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए शादी का एक वीडियो भी दिखाना होगा। बता दें रजिस्ट्रेशन वाले कार्यलय में शादी के वीडियो की एक पेन ड्राइव जमा करानी होगी। यह नियम शनिदेव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शादी के रजिस्ट्रेशन की नई गाइडलाइन जारी की गई है।
दोनों माध्यम से होती शादी का रजिस्ट्रेशन
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में शादी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है और यह प्रक्रिया हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत की जाती है। बता दें कि शादी का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जाता है।
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