भोले की नगरी में बाजीराव मस्तानी की टोपी में नजर आएंगे कान्हा

वाराणसी। भोले की नगरी काशी में नटवर नागर के जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए जन्मोत्सव के आयोजन कोविड प्रोटोकॉल के तहत होंगे, लेकिन घरों में कान्हा के जन्म की खुशियां मनाने को लेकर गृहस्थ श्रद्धालुओं में उत्साह है। जन्माष्टमी पर अपने लड्डू गोपाल को सजाने के लिए तरह-तरह के मुकु़ट, टोपी तो बाजार में हैं, लेकिन इस बार कान्हा को सजाने के लिए बॉलीवुड किरदारों की टोपी भी बाजार में खूब चर्चित है। इसमें रणवीर सिंह व दीपिका की फिल्म बाजीराव मस्तानी का ट्रेंड कान्हा की साज-सज्जा में नजर आएगा। कान्हा के सिर पर इस बार बाजीराव स्टाइल की टोपी सजेगी। शहर के विश्वनाथ गली, ठठेरी बाजार, चौक, बुलानाला, चेतगंज, सिगरा, अर्दली बाजार, लंका, दुर्गाकुंड सहित अन्य बाजारों में खरीदारों से बाजारों में रौनक छा गई है। कोई ठाकुरजी के लिए सामान खरीद रहा था तो कोई अपने घर के बाल गोपालों को कान्हा के रूप में सजाने के लिए कपड़ों की भी खरीदारी करते दिखाई दे रहे है। विश्वनाथ गली स्थित दुकानदार सागर सेठ बताते हैं कि माल बहुत तो नहीं आ पाया है, लेकिन गुजरात से आने वाले माल की मांग बहुत तेज है। इसमें प्रभु को पहनाए जाने वाले जेवर, परिधान, नागरा जूती, कंगन, पायल और खिलौनों को आर्टिफिशियल नगों से इस तरह से सजाया जाता है कि वे असली की तरह लगते हैं। परिधान 40 रुपये से लेकर 500 रुपये तक मिल रहे हैं। छन्नूलाल शृंगार कला केंद्र के संचालक संजय कुमार बताते हैं नंदलाल को सजाने के लिए इस बार मुकुट की जगह गुजराती पगड़ी तैयार है। जिसकी कीमत 10 रुपये से 300 रूपये तक है। वहीं कान्हा के लिए परिधानों को भी मोर पंख से तैयार किया गया है। जो अगल-अलग साइज व रेंज में उपलब्ध है। जन्माष्टमी पर घर पर कान्हा को स्थापित करने के लिए लोग जहां सोने और चांदी की मूर्तियां ले रहे हैं। वहीं इन मूर्तियों को झूला झूलाने के लिए जर्मन सिल्वर से बना झूला भी बाजार में उपलब्ध है। इस झूले की कीमत बाजार में 25 हजार रुपये है।

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