लखनऊ। प्रदेश के 4.44 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को अगस्त से ज्यादा बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ सकता है। बिजली कंपनियां इन उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाने जा रही हैं। प्रदेश में 4,44,397 ऐसे उपभोक्ता चिह्नित किए गए हैं जिनका मई से जुलाई 21 में लगातार तीन माह तक स्वीकृत से ज्यादा भार दर्ज हुआ है। इन उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। नोटिस पर उपभोक्ताओं का जवाब लेकर लोड बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दरअसल जबरदस्त वित्तीय संकट से जूझ रहे पाॅवर कार्पोरेशन प्रबंधन को पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा स्वीकृ त से ज्यादा बिजली भार का उपभोग किए जाने की जानकारी मिल रही थी। राजस्व बढ़ाने के चक्कर में कुछ जगह अभियंताओं ने नोटिस की औपचारिता पूरी किए बगैर ही उपभोक्ताओं के लोड बढ़ा दिए हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के ऐसे करीब 70 हजार मामलों की शिकायत हाल ही में ऊर्जा मंत्री से भी की गई थी जिस पर सरकार ने पाॅवर कार्पोरेशन से रिपोर्ट तलब कर रखी है। इसी बीच पाॅवर कार्पोरेशन प्रबंधन सभी बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं के लोड दर्ज करके ऐसे उपभोक्ताओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे जो लगातार स्वीकृत से ज्यादा भार का इस्तेमाल कर रहे हैं। विद्युत वितरण संहिता 2005 के प्रावधानों के अनुसार अगर लगातार तीन महीने किसी उपभोक्ता का भार स्वीकृत भार से ज्यादा आता है तो उसे नोटिस देने की औपचारिकता पूरी करके लोड बढ़ाया जा सकता है। बिजली कंपनियों की ओर से 4.44 लाख से ज्यादा ऐसे उपभोक्ताओं का ब्यौरा मिलने के बाद पावर कार्पोरेशन ने इनका लोड बढ़ाने की की कवायद तेज कर दी है। पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेजकर विद्युत वितरण संहिता की धारा 6.9 के तहत स्वीकृत से ज्यादा भार का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को भार बढ़ाने का नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं। पत्र में विद्युत वितरण संहिता के प्रावधानों के तहत भार बढ़ाने की कार्यवाही करने को कहा गया है। पूर्व में भार बढ़ाने को लेकर पैदा हुए विवाद को देखते हुए सभी बिजली कंपनियों को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी दशा में नियमानुसार प्रक्रिया पूरी किए बगैर कोई कार्यवाही न की जाए। उधर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि अगर नियमों का उल्लंघन करके भार बढ़ाया जाता है तो इसका विरोध किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो नियामक आयोग और सरकार से हस्तक्षेप की मांग भी की जाएगी।