लखनऊ। शहरी क्षेत्रों को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए सरकार ने कूड़ा निस्तारण की नई व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले में आम जनता को भी सफाई रखने के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए गंदगी फैलाने वालों पर 100 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा कूड़ा उठवाने के लिए शुल्क के तौर पर एक निश्चित राशि का भी भुगतान करना पड़ेगा। साथ ही बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों को कूड़ा निस्तारण के लिए अब लाइसेंस लेना होगा। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा तैयार ‘उप्र ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली-2021’ को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में प्रतिदिन करीब 14468 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। जिसका निस्तारण नगर निकायों के लिए एक बड़ी समस्या है। अधिकांश शहरों में पूरी क्षमता से कूड़ा का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इस वजह से शहरी क्षेत्रों में इधर-उधर गंदगी पड़ी दिखती रहती है। इसके मद्देनदर सरकार ने कूड़ा निस्तारण और प्रबंधन के लिहाज से इस नियमावली को तैयार कराया है। नियमावली में मुख्य रूप से यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक कूड़ा पैदा करने वाले व्यक्ति या संस्था द्वारा स्वयं उत्पादित कूड़ा को जैविक (बायोडिग्रेडेबल), अजैविक (नान बायोडिग्रेडेबल) और घरेलू कूड़े को अलग-अलग करके कूड़ेदान में रखना होगा, जिससे उसे सीधे उठाया जा सके। सभी आवासीय परिसर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और अधिक मात्रा में कूड़ा उत्पन्न करने वाले बड़े प्रतिष्ठानों को भी अलग-अलग कूड़ेदान रखने होंगे। गीला कचरा (बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट) को यथासंभव कंपोस्टिंग या बायो मिथेनाइजेशन तकनीक के जरिए प्रोसेसिंग, निस्तारण उक्त संबंधित संस्थानों व प्रतिष्ठानों द्वारा अपने परिसर में ही किया जाएगा।