नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि इंटरनेट पर महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए आईटी नियम बेहद जरूरी हैं। 2021 के नए आईटी नियमों की वैधता का बचाव करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में पेश नए हलफनामे में सरकार ने कहा, नए नियमों से फर्जी व जघन्य अपराधों के लिए उकसाने वाली सामग्री पर नकेल कसने की एक व्यवस्था तैयार होगी। इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, यूजर्स की सुरक्षा खासतौर से महिलाओं व बच्चों को लेकर चिंताएं बहुत अधिक थीं। दिल्ली हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों को असांविधानिक और विरोधात्मक बताते हुए चुनौती देने वाली एक याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र ने फरवरी में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया था। इसमें ऑनलाइन संस्थाओं को कई दायित्व लागू किये थे। इनमें किसी भी तरह की विवादास्पद सामग्री को तुरंत हटाने, शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करने और जांच में सहायता करना शामिल है। वकील उदय बेदी ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि नए आईटी नियमों में मुफ्त भाषण के मौलिक अधिकारों और व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की घोर उपेक्षा की गई है। उनकी दलील थी कि शिकायत के आधार पर सोशल मीडिया मंचों को सामग्री हटाने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।