UPSC:महाराष्ट्र की अदिबा अनम ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में 142वां रैंक प्राप्त कर इतिहास रचा है। अदिबा अब महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला आईएएस अधिकारी बनेंगी। उनकी यह सफलता न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए यह गर्व की बात है। अदिबा की यात्रा बहुत ही कठिनाइयों से घिरी थी, लेकिन उनके आत्मविश्वास, संघर्ष और कड़ी मेहनत ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में मदद की।
संघर्ष और सफलता की कहानी
इंमदार कॉलेज में पुणे से गणित में बीएससी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, अदिबा पुणे में यूपीएससी की कोचिंग के लिए आईं, क्योंकि यवतमाल में पर्याप्त कोचिंग सेंटर नहीं थे। उन्होंने हज हाउस और बाद में जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी से यूपीएससी की तैयारी की।
इसके पहले भी अदिबा ने कई बार प्रयास की, लेकिन पहले तीन प्रयासों में सफलता नहीं मिली। उन्होंने एक बार साक्षात्कार में स्थान पाया था, लेकिन अंतिम सूची में उनका नाम नहीं आया। इसके इाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और सफलता की ओर कदम बढ़ाती रही। चौथे प्रयास में अदिबा ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में 142वां रैंक हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत और साहस से कोई भी मंजिल प्राप्त की जा सकती है।
अब जब अदिबा ने आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया है, तो उनका मुख्य उद्देश्य लड़कियों और समाज के गरीब वर्गों को जागरूक करना है। उनका कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करने से समाज में वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है। उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि पूरे यवतमाल जिले को भी प्रेरित किया है। स्थानीय पुलिस, पूर्व मंत्री और अन्य समाजसेवी उनकी सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है।
प्रेरणा का स्रोत
अदिबा अनम की यह सफलता न केवल उनके लिए बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका उदाहरण यह सिद्ध करता है कि अगर दिल में इच्छा हो और मेहनत सही दिशा में हो, तो किसी भी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है।
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